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बगैर खर्च दिया 32 करोड़ का उपयोगिता प्रमाण पत्र

कल्याण विभाग ने भेजा उपयोगिता प्रमाण पत्र विभाग के सचिव राजीव अरुण एक्का ने दी अनुमति जामताड़ा, पाकुड़, दुमका और साहेबगंज में आठ छात्रवास का निर्माण होना था रांची : अनुसूचित जनजाति, आदिम जनजाति के विकास के लिए मिली केंद्रीय सहायता को खर्च किये बगैर ही 32 करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र दिये जाने […]

कल्याण विभाग ने भेजा उपयोगिता प्रमाण पत्र
विभाग के सचिव राजीव अरुण एक्का ने दी अनुमति
जामताड़ा, पाकुड़, दुमका और साहेबगंज में आठ छात्रवास का निर्माण होना था
रांची : अनुसूचित जनजाति, आदिम जनजाति के विकास के लिए मिली केंद्रीय सहायता को खर्च किये बगैर ही 32 करोड़ रुपये का उपयोगिता प्रमाण पत्र दिये जाने का मामला सामने आया है. 13 वें वित्त आयोग से यह राशि झारखंड सरकार को दी गयी थी. इस राशि को खर्च करने की मियाद 31 मार्च 2015 तक है. कल्याण विभाग के सचिव राजीव अरुण एक्का की अनुमति के बाद ऐसा किया गया.
सरकार की तरफ से दलील दी गयी है कि राशिअनुसूचित जाति, आदिम जनजाति के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए इंटिग्रेटेड ट्राइबल डेवलपमेंट एजेंसी (आइटीडीए) को ट्रांसफर कर दी गयी है. बताया जा रहा है कि जिस तरह ट्रेजरी से निकासी के बाद योजना से संबंधित राशि खर्च मानी जाती है, उसी प्रकार आइटीडीए को ट्रांसफर की गयी राशि खर्च किये जाने के बराबर है. इसका उपयोगिता प्रमाण पत्र केंद्र को भेजा गया है.
सोमवार को विभागीय सचिव के कहने पर उपयोगिता प्रमाण पत्र केंद्र को भेजा गया. वित्त विभाग को भी इसकी जानकारी दे दी गयी. अमूमन केंद्र से मिली राशि के बाबत किसी भी विभाग को एसी-डीसी बिल की मार्फत उपयोगिता प्रमाण पत्र भेजे जाने का प्रावधान है.
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