आवास योजना पर इपीएफओ ने गठित की विशेषज्ञ समिति
नयी दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) ने अपने अंशधारकों के लिए प्रस्तावित आवास योजना पर विचार के लिए छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की है. इपीएफओ ने एक बयान में कहा कि विशेषज्ञ समिति कर्मचारी पेंशन कोष के अंशधारकों के लिए आवास योजना तथा अन्य मुद्दों पर विचार करेगी. मनीष गुप्त की अध्यक्षता में […]
नयी दिल्ली. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (इपीएफओ) ने अपने अंशधारकों के लिए प्रस्तावित आवास योजना पर विचार के लिए छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की है. इपीएफओ ने एक बयान में कहा कि विशेषज्ञ समिति कर्मचारी पेंशन कोष के अंशधारकों के लिए आवास योजना तथा अन्य मुद्दों पर विचार करेगी. मनीष गुप्त की अध्यक्षता में गठित समिति एक महीने के भीतर रिपोर्ट देगी. पिछले सप्ताह श्रम मंत्री बंडारु दत्तात्रेय ने कहा था कि इपीएफओ अपने पांच करोड़ अंशधारकों के लिए आवास योजना पर काम कर रहा है. उन्होंने संसद में कहा था कि योजना के अंशधारकों को सामाजिक सुरक्षा लाभ के रूप में आवास उपलब्ध कराने के मुद्दे पर केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठकों में चर्चा हुई. इपीएफओ 6.5 लाख करोड़ रुपये के कोष का प्रबंधन कर रहा है. इसमें सालाना औसतन 70,000 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. मंत्रालय इपीएफओ के अंशधारकों को सस्ता आवास पेश करने के लिए बड़ी आवास योजना पर काम कर रहा है. सरकार का 2022 तक सभी को मकान उपलब्ध कराने की योजना है. इसी के तहत मंत्रालय यह काम कर रहा है.मंत्रालय का इरादा सावर्जननिक क्षेत्र के बैंकों, आवास वित्त कंपनियों, एनबीसीसी जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की निर्माण कंपनियों तथा डीडीए, पीयूडीए, हुडा जैसे प्राधिकरणों के साथ मिल कर मकान बनाने की योजना है. इन मकानों की कीमत सरकार तय करेगी. इपीएफओ के 70 प्रतिशत अंशधारकों का मूल वेतन 15,000 रुपये से कम है. प्रधानमंत्री कार्यालय ने इपीएफओ से अपने अंशधारकों के लिए सस्ता मकान को बढ़ावा देने तथा इस उद्देश्य के लिए रखे गये कोष का उपयोग करने को कहा है.