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34वें नेशनल गेम्स घोटाले की जांच क्यों न हो CBI से, झारखंड हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा सवाल

झारखंड हाईकोर्ट ने 34वें नेशनल गेम्स घोटाले मामले को सरकार से पूछा है कि इसकी जांच क्यों न सीबीआई से करायी जाए. खंडपीठ ने कहा है कि इसकी जांच लंबे समय से एसीबी कर रही है

By Prabhat Khabar News Desk | April 9, 2022 9:23 AM

रांची: हाइकोर्ट ने होटवार में अरबों रुपये की लागत से निर्मित स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स व 34वें नेशनल गेम्स घोटाले की सीबीआइ जांच को लेकर दायर याचिकाओं पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थियों व राज्य सरकार का पक्ष सुना.

खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि खेल सामग्रियों की खरीदारी में गड़बड़ी की जांच एसीबी लंबे समय से कर रही है. अब तक मामले की जांच पूरी भी नहीं हुई है. विधानसभा समिति ने स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स निर्माण में गड़बड़ी की जांच कराने को कहा था. निगरानी आयुक्त ने जवाब में कहा भी है कि जांच एसीबी को दी गयी है, जबकि एसीबी का कहना है कि स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स मामले की जांच उसे नहीं मिली है.

वह मामले की जांच नहीं कर रही है. वैसी स्थिति में खंडपीठ सरकार से जानना चाहती है कि मामले की जांच सीबीआइ से क्यों नहीं करायी जाये? यदि सीबीआइ को जांच दी जाती है, तो कोई आपत्ति तो नहीं है? मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 11 अप्रैल की तिथि निर्धारित की.

निगरानी आयुक्त व एसीबी का जवाब विरोधाभासी

इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने पक्ष रखते हुए सीबीआइ से जांच कराने के सवाल पर कहा कि एसीबी मामले की जांच कर रही है. कई लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की जा चुकी है. शीघ्र मामले में जांच पूरी कर ली जायेगी. वैसी स्थिति में सीबीआइ से जांच कराने का कोई औचित्य नहीं है. वहीं, प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने महाधिवक्ता की दलील का विरोध करते हुए खंडपीठ को बताया कि एसीबी ने तत्कालीन निदेशक अनुराग गुप्ता की भूमिका की कोई जांच नहीं की है.

जांच के दौरान पिक एंड चूज किया गया है. वरीय पुलिस अधिकारियों के खिलाफ पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती है. कॉम्प्लेक्स निर्माण में हुई गड़बड़ी की भी जांच नहीं की गयी है. निगरानी आयुक्त व एसीबी का जवाब विरोधाभासी है. वैसी स्थिति में जांच सीबीआइ को सौंपा जाना उचित होगा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सुशील कुमार सिंह मंटू, झारखंड अगेंस्ट करप्शन व सेंटर फॉर आरटीआइ के अध्यक्ष पंकज कुमार यादव की ओर से जनहित याचिका दायर कर सीबीआइ जांच कराने की मांग की गयी है.

Posted By: Sameer Oraon

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