…तो कहां व कैसे कराये जांच
संदिग्ध होने पर जांच के लिए भटकते हैं लोग स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीज की जांच का मामला संवाददाता, रांचीझारखंड में स्वाइन फ्लू से तीन लोगों की मौत हो गयी है, इसके बावजूद राज्य में कई स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है. अगर चिकित्सक संदिग्ध मरीज की पहचान करता है तो जांच के लिए […]
संदिग्ध होने पर जांच के लिए भटकते हैं लोग स्वाइन फ्लू के संदिग्ध मरीज की जांच का मामला संवाददाता, रांचीझारखंड में स्वाइन फ्लू से तीन लोगों की मौत हो गयी है, इसके बावजूद राज्य में कई स्तर पर लापरवाही बरती जा रही है. अगर चिकित्सक संदिग्ध मरीज की पहचान करता है तो जांच के लिए भटकना पड़ता है. निजी अस्पताल एवं क्लिनिक के चिकित्सक संदिग्ध होने पर जांच के लिए परामर्श देते है, लेकिन जांच घरों में जाने पर मना कर दिया जाता है. रिम्स में जांच कराने पहुंचने पर ओपीडी में चिकित्सक को दिखाने एवं वार्ड में भरती होने के लिए कहा जाता है. ऐसे में संदिग्ध लोगों को यह समझ में नहीं आता है कि वह क्या करें, कहां जाये. सूत्रों के अनुसार कुछ संदिग्ध मरीज तो पटना में जांच कराने के लिए चले जा रहे हैं. जांच के नाम पर गाइड लाइन का हवालारिम्स एवं निजी जांच घरों का कहना है कि सरकार से जो गाइड लाइन मिली है, उसमें सामान्य ब्लड जांच की तरह स्वाइन फ्लू की जांच नहीं की जा सकती. स्वाइन फ्लू की जांच के लिए जांच घर में आइसोलेशन रूम होना चाहिए. रिम्स में जांच कराने का आग्रह करने पर कहा जाता है कि गाइड लाइन में आप फि ट नहीं हो रहे हैं. कोट:::सरकार से जो गाइड लाइन मिली है हम उसी के तहत काम करते हैं. रिम्स ओपीडी में चिकित्सक के संदिग्ध बताने पर वार्ड में भरती कर जांच के लिए सैंपल लिया जाता है. डॉ एनपी साहु, विभागाध्यक्ष माइक्रोबायोलॉजी