हाइडल पावर जीर्णोद्धार में गड़बड़ी की सीबीआइ जांच की मांग उठी

रांची : सिकिदरी हाइडल पावर का जीर्णोद्धार करने के मामले में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए सीबीआइ जांच की मांग गुरुवार को सदन में उठी. विपक्षी विधायक प्रदीप यादव ने अल्पसूचित के तहत प्रश्न उठाते हुए कहा कि जीर्णोद्धार का काम दो करोड़ के बदले 22 करोड़ में कराया गया. जिस भेल के माध्यम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 13, 2015 5:22 AM
रांची : सिकिदरी हाइडल पावर का जीर्णोद्धार करने के मामले में वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए सीबीआइ जांच की मांग गुरुवार को सदन में उठी. विपक्षी विधायक प्रदीप यादव ने अल्पसूचित के तहत प्रश्न उठाते हुए कहा कि जीर्णोद्धार का काम दो करोड़ के बदले 22 करोड़ में कराया गया.
जिस भेल के माध्यम से काम कराया गया, उसने काम को 14 करोड़ में सबलेट कर दिया. इस मामले में भेल ने पांच सीनियर अफसरों पर कार्रवाई भी की है. सरकार मामले को सीबीआइ को क्यों नहीं सुपुर्द कर देती है. सरकार खुद मान रही है कि इसमें भारी अनियमितता हुई है. प्रभारी मंत्री सीपी सिंह का कहना था कि हाई कोर्ट में भी मामला आया था.
सीबीआइ ने बिजली बोर्ड के 14 अधिकारियों से पूछताछ की है. इस पर स्पीकर दिनेश उरांव ने जानना चाहा कि सीबीआइ कैसे जांच कर रही है. विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि भेल केंद्रीय उपक्रम है. उस आधार पर सीबीआइ ने अपने स्तर से जांच शुरू की है. हम राज्य सरकार से जांच कराने की मांग कर रहे हैं. प्रभारी मंत्री ने कहा कि मैं समय लेना चाहता हूं. सरकार किसी गड़बड़ी को दबाने का काम नहीं करेगी. घोटाला हुआ है, तो जांच भी होगी.

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