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एनआरएचएमकर्मियों को स्थायी नहीं कर सकते : मंत्री

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा : केंद्र से पैसा आता है मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन : सरकार रखेगी ख्याल मलेरिया में काम करनेवालों दे रहे हैं नौकरी रांची : सदन में पहली पाली में एनआरएचएम के तहत अनुबंध पर काम करनेवाली तीन हजार एएनएम को स्थायी नौकरी देने का मामला गूंजा. पक्ष-विपक्ष के विधायक संविदा पर […]

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा : केंद्र से पैसा आता है
मुख्यमंत्री ने दिया आश्वासन : सरकार रखेगी ख्याल मलेरिया में काम करनेवालों दे रहे हैं नौकरी
रांची : सदन में पहली पाली में एनआरएचएम के तहत अनुबंध पर काम करनेवाली तीन हजार एएनएम को स्थायी नौकरी देने का मामला गूंजा. पक्ष-विपक्ष के विधायक संविदा पर काम कर रहे एएनएम को स्थायी करने के पक्ष में थे. तारांकित के तहत निरल पूर्ति ने सदन में मामला उठाया था. विधायक का कहना था कि एएनएम वर्ष 2007 से लगातार काम कर रही हैं. विभागीय मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी का जवाब था कि पूरे देश में एएनएम अनुबंध पर काम कर रही हैं. एनआरएचएम के तहत केंद्र से 75 प्रतिशत और राज्य की ओर से 25 प्रतिशत राशि दी जाती है. इनको नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं है.
सत्ता पक्ष के विधायक राधाकृष्ण किशोर का कहना था कि स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर से लेकर एएनएम तक कंट्रैक्ट पर हैं. केंद्र सरकार से पैसा आता है, तो फिर राज्य को स्थायी करने में क्या दिक्कत है. विपक्ष के विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि सरकार बताये कि एएनएम की कितनी रिक्तियां हैं. सरकार को उन रिक्तियों पर स्थायी रूप से नियुक्त करने में क्या परेशानी है. सत्ता पक्ष के विधायक विमला प्रधान का कहना था कि एएनएम महिला हैं. महिला सशक्तीकरण की बात होती है. इनको अधिकार मिलना चाहिए.
सदन में चर्चा के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकार का पक्ष रखा. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र प्रायोजित योजनाएं बंद हो जाती है, लेकिन सरकार की मंशा साफ है कि उनको रोजगार दिया जाये. मलेरिया के लिए काम करने वालों का अनुबंध समाप्त हो गया, लेकिन सरकार ने दो हजार पद सृजित करने का निर्देश दिया है. दो हजार लोगों की स्थायी बहाली होगी.
मजदूरों को भुगतान दिलाने के लिए श्रम विभाग चलायेगा अभियान
सरकार मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी सहित दूसरी सुविधा दिलाने के लिए राज्य में अभियान चलायेगी. विभागीय मंत्री राज पलिवाल ने शुक्रवार को सदन में घोषणा की. मासस विधायक अरूप चटर्जी ने तारांकित के तहत मामला उठाया था कि कई जगहों पर मजदूरों को न्यूनतम 250 रुपये देय नहीं है. विधायक सरकार से जानना चाहते थे कि राज्य में इसकी निगरानी के लिए बनी उच्च स्तरीय कमेटी में कौन-कौन लोग हैं. विभाग की ओर से इससे संबंधित सूची स्पीकर के माध्यम से प्रश्नकर्ता को दिया गया.

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