कारा महानिरीक्षक को हाजिर होने का निर्देश

रांची : हाइकोर्ट में मंगलवार को राज्य की जेलों की व्यवस्था में सुधार को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के जवाब पर असंतोष प्रकट किया. सरकार की कार्रवाई से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2015 6:09 AM
रांची : हाइकोर्ट में मंगलवार को राज्य की जेलों की व्यवस्था में सुधार को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के जवाब पर असंतोष प्रकट किया.
सरकार की कार्रवाई से असंतुष्ट खंडपीठ ने अगली सुनवाई के दौरान जेलों में किये गये सुधार पर स्टेटस रिपोर्ट के साथ कारा महानिरीक्षक को सशरीर हाजिर होने का निर्देश दिया. राज्य की जेलों में बंद ट्रायल व अंडर ट्रायल कैदियों के साथ-साथ महिलाओं की संख्या बताने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने यह भी पूछा कि महिला कैदियों में कितनी गर्भवती है तथा गर्भवती महिलाओं की क्या स्थिति है. जेल में रह रहे बच्चों की क्या स्थिति है. जेल में स्त्री रोग विशेषज्ञ उपलब्ध कराये गये है या नहीं.
खंडपीठ ने कहा कि जेल में रह रही गर्भवती महिलाओं को झालसा की ओर से सहायता उपलब्ध करायी जायेगी. मॉडल जेल मैनुअल पर क्या कार्रवाई की गयी. इससे पूर्व एमीकस क्यूरी अधिवक्ता मनोज टंडन ने खंडपीठ को बताया कि जेलों की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है. व्यवस्था जस की तस है. राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता जय प्रकाश ने पक्ष रखा.
उल्लेखनीय है कि जेलों की वर्तमान व्यवस्था को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. वहीं सेवानिवृत्त कारा महानिरीक्षक सभापति कुशवाहा ने जनहित याचिका दायर कर रिक्त पदों पर बहाली की मांग की है. याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हो रही है.

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