आरएसएस के क्षेत्र संघचालक सिद्धनाथ सिंह ने कहा, मातृभाषा में हो प्राथमिक शिक्षा

21 जून को देश भर में आरएसएस मनायेगा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस रांची : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्र संघचालक सिद्धनाथ सिंह ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए. मातृभाषा का विकास नहीं होने के कारण समस्याएं हो रही हैं. गुजरात में हुए अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में इसको लेकर प्रस्ताव भी पारित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 18, 2015 6:16 AM
21 जून को देश भर में आरएसएस मनायेगा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
रांची : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के क्षेत्र संघचालक सिद्धनाथ सिंह ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए. मातृभाषा का विकास नहीं होने के कारण समस्याएं हो रही हैं. गुजरात में हुए अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में इसको लेकर प्रस्ताव भी पारित किया गया है. इसको लेकर समाज को भी सजग होना होगा. संघ कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री सिंह ने बताया कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस माने का निर्णय लिया गया है.
उन्होंने बताया कि योग के माध्यम से भारत को मधुमेय (सुगर) की बीमारी से मुक्त किया जा सकता है. इसको लेकर प्रतिनिधि सभा में विस्तार से विचार विमर्श किया गया. उन्होंने बताया कि सभा में जम्मू-कश्मीर और सामाजिक समरसता कायम करने को लेकर भी मंथन किया गया. एक सवाल के जवाब में श्री सिंह ने कहा कि विकास व समरसता से नक्सलवाद को समाप्त किया जा सकता है. संघ की ओर से ग्राम विकास का कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस अवसर पर प्रांत संघचालक देवव्रत पाहन भी उपस्थित थे.
जम्मू-कश्मीर की समस्या को सुलझाने को लेकर बदलनी होगी धारणा : राकेश : आरएसएस के सह प्रांत कार्यवाह राकेश लाल ने कहा कि अगर हम वास्तव में जम्मू कश्मीर की समस्या को सुलझाना चाहते हैं, तो हमें धारणा बदलनी होगी. सोची समझी रणनीति के तहत यह धारणा बनायी गयी है कि यह अशांत क्षेत्र है. यहां नियमों की धज्जियां उड़ायी जाती हैं. सच्चई यह है कि जम्मू, कश्मीर घाटी और लद्दाख को मिल कर यह प्रदेश बना है. कश्मीर घाटी के पांच जिले ही अशांत हैं. बाकी जगहों पर किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है. यहां पर अंतरराष्ट्रीय समूह काम कर रहा है, जो अपने फायदे को लेकर जानबूझ कर विवाद का क्षेत्र बना कर रखा है.
झारखंड में चल रही 498 शाखा, देशभर में 80 हजार युवा जुड़े : श्री लाल ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में देशभर में 10413 शाखाएं बढ़ी हैं. देश में 51 हजार 330 शाखाएं चल रही हैं. इसके अलावा 12,847 साप्ताहिक मिलन और 9,008 मासिक संघ मंडली चल रही है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा संघ में पिछले वर्ष 80,409 युवाओं ने प्रशिक्षण लिया.

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