Chhath Mahaparv 2022: खरना के साथ 36 घंटे का निर्जला छठ व्रत शुरू हो गया है. छठ महापर्व के तीसरे दिन रविवार (30 अक्टूबर 2022) को छठव्रती भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगे. शनिवार को दिन भर उपवास रखने के बाद शाम में खरना का अनुष्ठान किया गया. व्रती ने भगवान की पूजा-अर्चना कर सभी के लिए मंगल कामना की और प्रसाद ग्रहण किया. इसके बाद प्रसाद का वितरण किया गयी.
छठ महापर्व पर बन रहा है विशेष संयोग
इसी के साथ छठव्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो गया. रविवार को सूर्योदय के बाद भगवान की पूजा-अर्चना करके लोकगीत के बीच प्रसाद बनाने की तैयारी शुरू हो जायेगी. इस बार रविवार को छठ पड़ रहा है, इसलिए इसकी महत्ता और बढ़ गयी है. रविवार को भगवान सूर्य की पूजा का दिन माना गया है. वर्षों बाद ऐसा संयोग है कि छठ महापर्व रविवार को पड़ रहा है.
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छठव्रती तैयार करेंगी प्रसाद
व्रती सूर्य भगवान को अर्घ्य देने के लिए रविवार सुबह से ही प्रसाद बनाने की तैयारी शुरू कर देंगी. इसके लिए ठेकुआ, चावल के लड्डू सहित कई प्रसाद बनाया जाता है. प्रसाद बन जाने के बाद छठ घाट जाने के लिए डाला सजाया जाता है. डाला में सभी पूजन सामग्री डाली जायेगी. दोपहर में साढ़े तीन बजे से ही छठव्रतियों का छठ घाट की ओर जाने का सिलसिला शुरू हो जायेगा.
पैदल और वाहन से घाट तक जाते हैं छठव्रती
राजधानी रांची में बहुत से छठव्रती पैदल ही छठ घाट जाते हैं. वहीं, बहुत से ऐसे भी व्रती हैं, जो छोेटे-बड़े वाहनों से दूर-दराज के नदी-तालाबों के किनारे अर्घ्य देने के लिए जाते हैं. कई लोग गाजे-बाजे के साथ भी जाते हैं. कल यानी रविवार (30 अक्टूबर 2022) शाम को 5 बजकर 12 मिनट पर अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जायेगा.
घाट पर स्नान करने के बाद दिया जायेगा संध्याकालीन अर्घ्य
अर्घ्य देने से पहले छठ घाट पर ही व्रती स्नान-ध्यान करेंगे. जैसे ही सूर्य देवता अस्त होने लगेंगे, व्रती उन्हें अर्घ्य देना शुरू कर देंगे. घाट पर अर्घ्य देने के बाद भगवान की आरती की जायेगी. भगवान को नमन करके तमाम पूजन सामग्री को समेटकर श्रद्धालु घाट से अपने-अपने घरों को लौट जायेंगे.
सुबह फिर घाट पर जायेंगे छठव्रती
घर पहुंचने के बाद अगले दिन सोमवार यानी 31 अक्टूबर 2022 को सुबह में उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने की तैयारी शुरू हो जायेगी. सोमवार को सुबह स्नान ध्यान कर पुनः छठ घाट जायेंगे. घाट पर स्नान करने के पश्चात भगवान भास्कर के उदय का इंतजार करेंगे. सूर्यदेव के उगते ही छठव्रती उन्हें अर्घ्य देना शुरू कर देंगे. बारी-बारी से परिवार के अन्य लोग भी अर्घ्य देंगे.
लोगों को टीका लगाकर प्रसाद वितरण करेंगे छठव्रती
व्रती के साथ घाट तक जाने वाले सभी लोग बारी-बारी से अर्घ्य देंगे. इसके बाद व्रती भगवान को नमन करेंगे और परिवार के सभी लोगों के साथ मिलकर हवन करेंगी. सभी लोगों को टीका लगाकर प्रसाद का वितरण भी करेंगी. इसी के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व का समापन हो जायेगा. घाट से लौटते समय रास्ते में पड़ने वाले तमाम मंदिरों में व्रती पूजा करेंगी और घर पहुंचकर पारण करेंगी.
कई धार्मिक संस्थाओं की ओर से शिविर लगाया जायेगा
झारखंड की राजधानी रांची समेत सभी जिलों में व्रतधारियों के स्वागत के लिए कई धार्मिक संस्थाओं और स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से शिविर लगाये जाते हैं. इसमें समाज के गणमान्य लोग शामिल होते हैं. शिविर लगाकर छठ पूजा करने वाले लोगों को पूजन सामग्री उपलब्ध करायी जाती है.
रिपोर्ट- राजकुमार, रांची