योगदान के बाद क्यूं नहीं आये मिलने

ट्रैफिक एसपी ने डीएसपी व थानेदारों की बुलायी थी मीटिंग, पूछे थे सवाल रांची : ट्रैफिक एसपी एस कार्तिक की ओर से डीएसपी, इंस्पेक्टर व थानेदारों को मीटिंग में बुलाये जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है. मीटिंग से नाराज कुछ पुलिस अफसरों ने इसकी मौखिक शिकायत एसएसपी प्रभात कुमार से की है. मिली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 19, 2015 5:33 AM
ट्रैफिक एसपी ने डीएसपी व थानेदारों की बुलायी थी मीटिंग, पूछे थे सवाल
रांची : ट्रैफिक एसपी एस कार्तिक की ओर से डीएसपी, इंस्पेक्टर व थानेदारों को मीटिंग में बुलाये जाने को लेकर विवाद शुरू हो गया है. मीटिंग से नाराज कुछ पुलिस अफसरों ने इसकी मौखिक शिकायत एसएसपी प्रभात कुमार से
की है.
मिली जानकारी के अनुसार गत तीन मार्च को ट्रैफिक एसपी ने रात 10 बजे सभी को मीटिंग में बुलाया था. जब मीटिंग में पुलिस अफसर पहुंचे, तो ट्रैफिक एसपी ने पूछा, मैनें ट्रैफिक एसपी के पद पर योगदान दिया, इसके बाद भी मुझसे मिलने कोई क्यों नहीं आया. एसपी ने एक थानेदार को यहां तक कहा था कि, तुम जानते हो न कि मैं तुम्हारे थाना क्षेत्र में रहता हूं. इसके बावजूद तुम नहीं आये. तुम क्या सोचते हो, मैं तुम्हें सस्पेंड नहीं कर सकता हूं.
अभी तुम्हें निलंबित कर दूं क्या. तुम्हारा मोबाइल नंबर क्या है.जब थानेदार मोबाइल नंबर बताने लगे, तब एसपी ने थानेदार से कहा: शुरू का नहीं, लास्ट का नंबर बताओ, मुङो नंबर नहीं पता है क्या?
इधर, मीटिंग के कुछ दिनों बाद तक यह मामला दबा रहा, लेकिन बाद में कुछ थानेदारों ने एसएसपी से मौखिक शिकायत करने का निर्णय लिया, ताकि दुबारा मीटिंग नहीं बुलाया जाये. मीटिंग में जानेवाले एक थाना प्रभारी का तर्क है कि हमें मीटिंग में सिटी एसपी और एसएसपी बुला सकते हैं. ट्रैफिक के लिए अलग से थाना प्रभारी, इंस्पेक्टर और डीएसपी हैं. ट्रैफिक से संबंधित निर्देश हमें एसएसपी दे सकते हैं. ट्रैफिक एसपी हमें मीटिंग में क्यों बुलायेंगे. डीएसपी रैंक के अफसरों का भी तर्क है कि हम ट्रैफिक एसपी का निर्देश का क्यों मानें. हमारे लिए यह समस्या होगी कि हम किसे रिपोर्ट करें और किसका आदेश मानें.

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