इंजीनियर सस्पेंड, स्पीकर ने दिया निगरानी जांच का आदेश
सदन में उठाया पीएचइडी के इंजीनियर की अवैध संपत्ति और वित्तीय अनियमितता का मामला विधायक ने दिया अवैध संपत्ति का प्रमाण, इंजीनियर ने छिपायी है संपत्ति स्पीकर : पदाधिकारियों के लूट-खसोट से आहत हूं रांची :पीएचइडी के धनबाद नंबर -1 डिवीजन में कार्यरत कार्यपालक अभियंता संजय कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. मंत्री चंद्रप्रकाश […]
सदन में उठाया पीएचइडी के इंजीनियर की अवैध संपत्ति और वित्तीय अनियमितता का मामला
विधायक ने दिया अवैध संपत्ति का प्रमाण, इंजीनियर ने छिपायी है संपत्ति
स्पीकर : पदाधिकारियों के लूट-खसोट से आहत हूं
रांची :पीएचइडी के धनबाद नंबर -1 डिवीजन में कार्यरत कार्यपालक अभियंता संजय कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने इंजीनियर श्री कुमार को सस्पेंड करने की घोषणा गुरुवार को सदन में की. सदन में चर्चा के दौरान इंजीनियर द्वारा अवैध संपत्ति अजिर्त करने का मामला उठा, तो स्पीकर दिनेश उरांव ने निगरानी जांच का नियमन दिया.
सत्र की पहली पाली में मासस विधायक अरूप चटर्जी ने पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार द्वारा वित्तीय अनियमितता और अवैध संपत्ति अजिर्त करने का मामला उठाया था. विधायक ने सदन में इंजीनियर के चार-चार फ्लैट की तसवीर दिखायी.
विधायक ने ध्यानाकर्षण के तहत मामला उठाते हुए सरकार से पूछा था कि इंजीनियर ने विधायक फंड के 39 लाख में से 10 लाख रुपये कैसे डायर्वट कर दिया. सरकार ने अपने जवाब में माना था कि यह वित्तीय अनियमितता है. इस पर विधायक का कहना था कि अगर वित्तीय अनियमितता है, तो सरकार सस्पेंड करे. मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी हाइकोर्ट में दायर एक केस का हवाला दे रहे थे. विधायक श्री चटर्जी ने कहा कि वह इस मामले में भी आयेंगे, फिलहाल वित्तीय अनियमितता पर सरकार क्या करेगी. स्पीकर के हस्तक्षेप के बाद मंत्री श्री चौधरी ने इंजीनियर को सस्पेंड करने की घोषणा सदन में की.
इसके बाद मासस विधायक ने कहा कि हाई कोर्ट में जिस केस का हवाला दिया जा रहा है, वह दूसरा मामला है. रांची में कनीय अभियंता ने डीडीओ के प्रभार पर रहते हुए अपनी पत्नी के एनजीओ को लाखों रुपये दे दिये. विधायक का कहना था कि मामला हाई कोर्ट में गया था, तो इस पर सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने को कहा गया था. एक वर्ष तक सरकार ने शपथ पत्र दायर नहीं किया. विधायक का कहना था कि वैसे अधिकारियों पर भी कार्रवाई हो, जिनके कारण शपथ पत्र दायर नहीं हो सका.
प्रदीप यादव ने कहा कि विधायक सदन में पर्याप्त सबूत दे रहे हैं. सरकार जांच से पीछे क्यों हट रही है. विधायक पूरी जवाबदेही के साथ सदन में सबूत दे रहे हैं, अब हमें क्या शपथ पत्र देना होगा. इसकी निगरानी जांच होनी चाहिए. विधायक श्री चटर्जी का कहना था कि यह इंजीनियर एडवांस में घूस मांगता है. आठ-आठ लाख तक इसके घूस का रेट है. ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को सरकार क्यों बचा रही है. सरकार निगगरानी जांच कराये. स्पीकर ने कहा : आसन की भी व्यथा सुनिए. किसी क्षेत्र के जनप्रतिनिधि अगर ऐसे गंभीर मामले उठा रहे हैं, तो कार्रवाई होनी चाहिए. मैं सरकार के पदाधिकारियों के लूट से आहत हूं. पूरे मामले की निगरानी जांच होगी.
लोकपाल ने दिया था एफआइआर का आदेश
विधायक अरूप चटर्जी ने सदन में बताया कि लोकपाल ने संजय कुमार पर एफआइआर करने का आदेश दिया था. वर्ष 2013 में अपनी पत्नी के एनजीओ को पैसे देने के मामले में शिकायत के बाद लोकपाल ने आदेश दिया था. मामला हाई कोर्ट में गया, तो यहां अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखायी. शपथ पत्र तक दाखिल नहीं हुआ.