सात साल तक दो करोड़ रहा चालू खाते में
न जमीन मिली, न ब्याज आवास बोर्ड ने मामला संज्ञान में लिया संजय रांची : आवास बोर्ड का दो करोड़ 12 लाख रुपया सात साल तक करेंट एकाउंट (चालू खाता) में पड़ा रहा. इससे सरकार को एक रुपया भी ब्याज नहीं मिल सका. आशंका यह है कि बैंक के साथ सांठ-गांठ कर यह रकम लंबे […]
न जमीन मिली, न ब्याज
आवास बोर्ड ने मामला संज्ञान में लिया
संजय
रांची : आवास बोर्ड का दो करोड़ 12 लाख रुपया सात साल तक करेंट एकाउंट (चालू खाता) में पड़ा रहा. इससे सरकार को एक रुपया भी ब्याज नहीं मिल सका. आशंका यह है कि बैंक के साथ सांठ-गांठ कर यह रकम लंबे समय तक चालू खाते में छोड़ दी गयी व इसके बदले कुछ सरकारी अधिकारी उपकृत हुए. अभी वर्ष भर पहले यह रकम सिविल डिपोजिट में रखी गयी है.
अब आवास बोर्ड के प्रबंध निदेशक दिलीप झा ने सरकार को चिट्ठी लिख कर इन वर्षो के दौरान देवघर में पदस्थापित अपर समाहर्ता (भू राजस्व) व जिला भू-अजर्न पदाधिकारियों पर संबंधित मामले में जिम्मेवारी तय करने का आग्रह किया है. गौरतलब है कि देवघर में आम लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाना था. आवास बोर्ड ने वर्ष 2007 में जिले को दो करोड़ 12 लाख 17 हजार 145 रुपये उपलब्ध कराये थे. यह रकम करीब 137.65 एकड़ जमीन के अधिग्रहण के लिए थी.
दरअसल, पदाधिकारियों ने स्थानीय समस्या व अन्य कारण बताते हुए सरकार को जमीन उपलब्ध नहीं करायी. एक बार स्थल भी बदला गया, पर वह जमीन भी नहीं मिल सकी. बोर्ड के मुताबिक बाद में उक्त जमीन दलालों को बेच दी गयी. यानी जिस जमीन का अधिग्रहण सरकार नहीं कर सकी, उसे खरीदने में जमीन दलाल सफल रहे. अब बोर्ड ने राजस्व नुकसान होने व जमीन भी उपलब्ध न होने को गंभीरता से लेते हुए सरकार को चिट्ठी लिखी है. वहीं देवघर जिले को यथाशीघ्र जमीन अधिग्रहण का निर्देश दिया गया है. गौरतलब है कि गत आठ वर्षो में जमीन की कीमत बढ़ने से जमीन अधिग्रहण लागत भी करीब चार गुना बढ़ गयी है.