बंदियों को मजदूरी मिल रही है या नहीं: कोर्ट

रांची : हाइकोर्ट में शुक्रवार को राज्य की जेलों की व्यवस्था में सुधार को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को डिटेल स्टेटस रिपोर्ट दायर कर यह जानकारी देने का निर्देश दिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2015 6:10 AM
रांची : हाइकोर्ट में शुक्रवार को राज्य की जेलों की व्यवस्था में सुधार को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को डिटेल स्टेटस रिपोर्ट दायर कर यह जानकारी देने का निर्देश दिया कि जेलों में बंद कैदियों को निर्धारित न्यूनतम मजदूरी का भुगतान कितना और किस माध्यम से किया जा रहा है.
यदि भुगतान किया जा रहा है, तो पारिश्रमिक कहां जमा हो रही है. बैंक में अथवा नगद दिया जाता है. बंदी को श्रम के एवज में पारिश्रमिक दी जाती है, तो इसमें खाना का पैसा काट लिया जाता है. सभी जेलों में पारा लीगल वोलेंटियर है अथवा नहीं. सुनवाई के दौरान उपस्थित कारा महानिरीक्षक शैलेंद्र भूषण खंडपीठ के सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये. इस पर खंडपीठ ने राज्य सरकार को विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई के लिए 20 अप्रैल की तिथि निर्धारित की गयी.

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