अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के अंतिम 10 में अमिताभ घोष
लंदन. इस साल के मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए अंतिम 10 लेखकों में अमिताभ घोष का नाम शामिल है. इसमें वह एकमात्र भारतीय लेखक हैं. अंगरेजी भाषा के लेखन में योगदान के लिए उनको इसमें शामिल किया गया है. कोलकाता में पैदा हुए 58 वर्षीय घोष साल 2008 में बुकर पुरस्कार से उस वक्त […]
लंदन. इस साल के मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए अंतिम 10 लेखकों में अमिताभ घोष का नाम शामिल है. इसमें वह एकमात्र भारतीय लेखक हैं. अंगरेजी भाषा के लेखन में योगदान के लिए उनको इसमें शामिल किया गया है. कोलकाता में पैदा हुए 58 वर्षीय घोष साल 2008 में बुकर पुरस्कार से उस वक्त चूक गये थे, जब उन्हें ‘सी ऑफ पापीज’ के लिए शीर्ष दावेदारों की सूची में शामिल किया गया था. लोकप्रिय साहित्य पुरस्कार के अंतरराष्ट्रीय संस्करण का आयोजन 19 मई को लंदन में होगा. यह पुरस्कार हर दो साल पर किसी एक ऐसे लेखक को दिया जाता है, जिसका प्रकाशित गल्प मूल रूप से अंगरेजी भाषा में हो अथवा उसके काम का अंगरेजी में अनुवाद किया गया हो. बुकर प्राइज फाउंडेशन के प्रमुख जोनाथन टेलर ने कहा, ‘यह अंतिम दावेदारों की बहुत दिलचस्प और शिक्षाप्रद सूची है. पहली बार 10 देशों के लेखकों को इसमें शामिल किया गया.’ लीबिया, मोजाम्बिक, गुआदली, हंगरी, दक्षिण अफ्रीका और कांगों के लेखकों को इसमें पहली बार स्थान मिला है.