टीबी लाइलाज नहीं

इटकी : यक्ष्मा रोग अब लाइलाज नहीं रहा. नियमित दवा व अपनी जीवन शैली में बदलाव लाकर रोगी पूरी तरह ठीक हो सकता है व आम लोगों को जागरूक कर टीबी के बढ़ते कदम को रोका जा सकता है. ये बातें यक्ष्मा रोग के राज्य प्रशिक्षण संयोजक सह डॉट्स साइट प्रभारी डॉ एके मित्र ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2015 5:52 AM
इटकी : यक्ष्मा रोग अब लाइलाज नहीं रहा. नियमित दवा व अपनी जीवन शैली में बदलाव लाकर रोगी पूरी तरह ठीक हो सकता है व आम लोगों को जागरूक कर टीबी के बढ़ते कदम को रोका जा सकता है. ये बातें यक्ष्मा रोग के राज्य प्रशिक्षण संयोजक सह डॉट्स साइट प्रभारी डॉ एके मित्र ने कही.
वे विश्व यक्ष्मा दिवस पर इटकी यक्ष्मा आरोग्यशाला के मनोविनोद भवन में मंगलवार को आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम में उपस्थित यक्ष्मा रोगियों ने इस मौके पर शपथ ली. शपथ के रूप में रोगियों ने कहा कि वे नियमित रूप से दवा खाकर ठीक होंगे. बीमारी को फैलने से रोकेंगे व संभावित रोगियों को नजदीकी जांच केंद्रों में जांच के लिए जाने को लेकर प्रेरित करेंगे. कार्यक्रम में यक्ष्मा रोग की इटकी यूनिट के प्रभारी सह यक्ष्मा नियत्रंण डॉ शकील अहमद, सूक्ष्म जीव वैज्ञानिक रूपेश कुमार, के हांसदा, कंचन प्रसाद व बीरबल बाखला सहित आरोग्यशाला में भरती रोगी, नर्स व कर्मचारी मौजूद थे.

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