7499 करोड़ की संपत्ति, एक रुपये में चाहता है एनटीपीसी

एनटीपीसी के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाकर पीटीपीएस को चलाने की योजना सुनील चौधरी रांची : पतरातू थर्मल पावर (पीटीपीएस) ने एनटीपीसी के हवाले करने के लिए अपनी परिसंपत्ति का मूल्यांकन करा लिया है. मेकन ने पीटीपीएस की पूरी संपत्ति का मूल्य 7499.25 करोड़ रुपये आंका है. यह रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गयी है. राज्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2015 6:30 AM
एनटीपीसी के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाकर पीटीपीएस को चलाने की योजना
सुनील चौधरी
रांची : पतरातू थर्मल पावर (पीटीपीएस) ने एनटीपीसी के हवाले करने के लिए अपनी परिसंपत्ति का मूल्यांकन करा लिया है. मेकन ने पीटीपीएस की पूरी संपत्ति का मूल्य 7499.25 करोड़ रुपये आंका है. यह रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गयी है.
राज्य सरकार एनटीपीसी के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाकर पीटीपीएस को चलाना चाहती है. इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने मेकन को पीटीपीएस की परिसंपत्तियों के मूल्यांकन के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया है. मेकन के विशेषज्ञों के दल ने पीटीपीएस का निरीक्षण करने के बाद इसका मूल्यांकन किया है.
पीटीपीएस की जमीन सहित सभी परिसंपत्तियों का औसत मूल्य 1.18 करोड़ रुपये प्रति एकड़ की दर से आंका गया है. पीटीपीएस की कुल भूमि 6325.72 एकड़ है. मेकन ने सिर्फ जमीन की कीमत करीब 1.009 करोड़ रुपये प्रति एकड़ की दर से कुल जमीन 6381.8 करोड़ रुपये आंकी है. प्लांट और मशीन की कीमत 482. 04 करोड़ रुपये आंकी गयी है. प्लांट में कुल 10 यूनिट है. जिसमें तीन चालू हालत में है. पीटीपीएस में औसत बिजली उत्पादन 100 से 125 मेगावाट के करीब होता है.
प्लांट भवन और उससे जुड़ी संरचना की कीमत 245. 89 करोड़ रुपये आंकी गयी है. पीटीपीएस टाउनशिप में बने विभिन्न प्रकार के भवनों की कीमत 92 करोड़ रुपये आंकी गयी है. पतरातू में बने डैम की कीमत मेकन ने 156.03 करोड़ रुपये आंकी है. प्लांट में स्क्रैप की कीमत 3.32 करोड़ रुपये आंकी गयी है.
अभी सहमति नहीं बन पायी है
फिलहाल राज्य सरकार और एनटीपीसी के बीच पीटीपीएस के अधिग्रहण पर कोई सहमति नहीं बन पायी है. एनटीपीसी पीटीपीएस की सभी परिसंपत्तियों को सिर्फ एक रुपये में अधिग्रहण करना चाहता है. उसने राज्य सरकार को इससे संबंधित प्रस्ताव भी दिया है. राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारी एनटीपीसी के इस प्रस्ताव पर सहमत नहीं है. एक रुपये में अधिग्रहण का प्रस्ताव राज्य हित में नहीं माना गया है.
इसलिए राज्य सरकार ने एनटीपीसी को कंपनी के मालिकाना हक के सिलसिले में नये सिरे से अपना प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा एनटीपीसी द्वारा पावर शेयरिंग के लिए 76:24 का भी प्रस्ताव दिया गया है. यानी कुल उत्पादन का 76 फीसदी बिजली एनटीपीसी रखेगा और 24 फीसदी बिजली राज्य सरकार को दी जायेगी.

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