प्रकृति का संरक्षक है आदिवासी समाज

सरहुल मिलन समारोह में अमर बाउरी बोले मांदर की थाप पर थिरके अनगड़ा : मानव जीवन और प्रकृति में अटूट रिश्ता है. आदिवासी समाज ही प्रकृति का संरक्षक है़ सरहुल प्रकृति प्रेम का त्योहार है़ ये बातें युवा, खेलकूद व कला संस्कृति मंत्री अमर बाउरी ने कही़ श्री बाउरी हेसल खोपी सरना में गुरुवार को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 27, 2015 6:53 AM
सरहुल मिलन समारोह में अमर बाउरी बोले
मांदर की थाप पर थिरके
अनगड़ा : मानव जीवन और प्रकृति में अटूट रिश्ता है. आदिवासी समाज ही प्रकृति का संरक्षक है़ सरहुल प्रकृति प्रेम का त्योहार है़ ये बातें युवा, खेलकूद व कला संस्कृति मंत्री अमर बाउरी ने कही़ श्री बाउरी हेसल खोपी सरना में गुरुवार को आयोजित सरहुल पूजा सह मिलन समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे.
विशिष्ट अतिथि विधायक रामकुमार पाहन ने कहा कि सरहुल में पेड़ों की पूजा अर्चना कर प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करते हैं. यह हमारे व प्रकृति के अटूट रिश्ते का परिचय देता है़ इससे पूर्व ग्राम पाहन ने सरना माता की पूजा अर्चना की़ मौके पर विभिन्न गांवों के पाहनों को पगड़ी पहना कर सम्मानित किया गया़ समारोह में मंत्री, विधायक सहित आगंतुक अतिथि ढोल नगाड़े की थाप पर थिरके. मौके पर पूर्व विधायक समीर उरांव, भाजपा जिलाध्यक्ष जैलेंद्र कुमार, सुनील कच्छप, जमल मुंडा, महेश मुंडा, रतिलाल पाहन, रिझना करमाली, वीरेंद्र भोगता, रिझु नायक, अजय महतो, रामपदो महतो, किशोर करमाली व हिरदु उरांव सहित अन्य मौजूद थे.

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