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विधानसभा सत्र : 2017 तक हर घर में वाटर कनेक्शन

विधानसभा सत्र : सदन में बिजली-पानी के मुद्दों पर हुई चर्चा, नगर विकास मंत्री ने की घोषणा रांची : नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि 2017 तक राज्य के सभी शहरी घरों में पाइप लाइन पहुंचा दी जायेगी. इससे करीब 81 लाख लोगों को जोड़ा जायेगा. एपीएल के घरों में चार हजार रुपये […]

विधानसभा सत्र : सदन में बिजली-पानी के मुद्दों पर हुई चर्चा, नगर विकास मंत्री ने की घोषणा
रांची : नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने कहा कि 2017 तक राज्य के सभी शहरी घरों में पाइप लाइन पहुंचा दी जायेगी. इससे करीब 81 लाख लोगों को जोड़ा जायेगा. एपीएल के घरों में चार हजार रुपये में तथा बीपीएल को मुफ्त में पानी का कनेक्शन दिया जायेगा.
चार हजार रुपये में पाइप बिछाने से लेकर घर में नल लगाने का खर्च भी शामिल है. श्री सिंह शुक्रवार को विधानसभा में पानी-बिजली पर आयोजित विशेष चर्चा में सरकार का जवाब दे रहे थे. जलापूर्ति में होनेवाली समस्याओं को दूर करने के लिए नगर विकास विभाग, बिजली विभाग और पेयजलापूर्ति विभाग के साथ संयुक्त बैठक की जायेगी.
मंत्री ने कहा कि बिजली के तार पुराने हो गये हैं, इस कारण लाइन लॉस भी हो रहा है. सरकार एनटीपीसी के साथ समझौता कर रही है. इससे 4000 मेगावाट बिजली राज्य में तैयार होगी. पलामू प्रमंडल में समस्या दूर करने का प्रयास हो रहा है. चर्चा में विधायक राज सिन्हा, ढुल्लू महतो, अशोक कुमार, आलमगीर आलम, जगरनाथ महतो और मनीष जायसवाल ने भी हिस्सा लिया.
पैसे की कमी नहीं है, नहीं होगा पेयजल संकट : चंद्र प्रकाश चौधरी
पेयजल व स्वच्छता मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी ने कहा कि पैसे की कमी नहीं है. टॉल फ्री नंबर जारी कर दिया गया है. अधिकारियों को जन प्रतिनिधियों के संपर्क में रहने का निर्देश दिया गया है. कर्मियों की कमी के कारण विभागीय काम प्रभावित होता है. इसे दूर करने का प्रयास हो रहा है. राज्य में पेयजल संकट नहीं होने दिया जायेगा.
बिजली खरीद में खर्च कर चुके हैं 23 हजार करोड़ : किशोर
चर्चा में हिस्सा लेते हुए राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड सरकार सेंट्रल पुल से बिजली खरीदने पर अब तक 23 हजार 673 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. इतनी राशि से एक हजार मेगावाट बिजली उत्पादन करनेवाली चार यूनिट लगायी जा सकती थी. पूर्व की सरकार के पास बिजली संकट से निबटने के लिए कोई योजना नहीं थी. इस कारण 75 मेगावाट की जरूरत है, तो मिलती है मात्र सात मेगावाट .
फ्रेंचाइजी पर पुनर्विचार करे सरकार : प्रदीप : प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार को फ्रेंचाइजी पर पुनर्विचार करना चाहिए. इससे लाभ नहीं दिख रहा है. ट्रांसफरमर लगाने में अनियमितता बरती जाती है, जो चढ़ावा देता है, उसे पहले ट्रांसफारमर दिया जाता है. सरकार को इसके लिए पारदर्शी व्यवस्था बनानी चाहिए.
वैट व पंचायत राज विधेयक में संशोधन
रांची : सदन में मूल्य वर्धित (वैट) कर संशोधन विधेयक-2015 व झारखंड पंचायत राज (संशोधन) विधेयक-15 पारित हो गया. दूसरे सत्र में प्रभारी मंत्री सीपी सिंह ने संशोधन विधेयक पेश किया. वैट में नये प्रावधान के तहत कंपनियों को स्टॉक ट्रांसफर पर चार फीसदी की जगह पांच फीसदी कर देना होगा. वैट संशोधन विधेयक का प्रारूप देर से दिये जाने का विरोध आलमगीर आलम ने किया.
उन्होंने कहा कि कम से कम सात दिन पहले प्रारूप दिये जाने का प्रावधान है. इसके साथ मूल कॉपी भी दी जानी चाहिए, इससे पता चल पायेगा कि क्या संशोधन हो रहा है. प्रदीप यादव ने कहा कि इस कर को पांच फीसदी के स्थान पर 14 फीसदी किया जाना चाहिए. इससे राज्य को ज्यादा आमदनी मिल पायेगी. बड़ी कंपनियां इस दायरे में आती हैं, जो यहां उत्पादन कर दूसरे राज्यों से उसे बेचती हैं. भारत सरकार को स्टॉक ट्रांसफर नीति में भी बदलाव करना चाहिए. आलमगीर आलम की बात का समर्थन राधाकृष्ण किशोर व प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने भी किया.
पंचायत राज (संशोधन) विधेयक-15 पर चर्चा के दौरान स्टीफन मरांडी ने कहा कि इसमें मनोनयन व्यवस्था समाप्त करने की बात कही गयी है. इससे पंचायती राज की संरचना बिगड़ जायेगी. उन्होंने इसे प्रवर समिति में भेजने की मांग की. सदन ने ध्वनिमत से प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग को अस्वीकार करते हुए इसे पारित करा दिया. प्रदीप यादव ने विधायकों-सांसदों की तर्ज पर पंचायत प्रतिनिधियों को भी दो साल की सजा होने पर सदस्यता से डिबार करने की मांग रखी. ग्रामीण विकास मंत्री नील कंठ सिंह मुंडा ने कहा कि सरकार नवंबर-दिसंबर में पंचायत का चुनाव कराना चाहती है.

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