रांची: रांची नगर निगम के एक पार्षद और वकील के गंठजोड़ से निगम के अधिकारी से लेकर चपरासी तक परेशान हैं.
पार्षद का मुख्य काम शहर में बनायी जानेवाली सड़क व नाली का ब्योरा जमा करना है, वहीं वकील का एकमात्र काम उन योजनाओं से संबंधित सूचना आरटीआइ के माध्यम से मांगना है. आरटीआइ डालने के बाद यह वकील सीधे ठेकेदार से जाकर मिलता है. उससे यह सवाल करता है कि इतनी लागत से आप नाली, सड़क का निर्माण तो कर रहे हैं, पर काम वहां सही नहीं हो रहा है. हम इस मामले को लेकर निगम के वरीय अधिकारियों से शिकायत करेंगे. जरूरत पड़ी, तो कोर्ट में पीआइएल भी कर देंगे.
पार्षद का भी यही काम : वकील रिश्ते में पार्षद का भतीजा है. जब वकील ठेकेदार से मिल कर कोई रास्ता नहीं निकाल पाता है, तो पार्षद सीधे ठेकेदार से संपर्क करता है. पार्षद द्वारा यह कहा जाता है कि देखिए, आप जो सड़क, नाली बनाये हैं, वहनिम्नस्तर का है. इसकी जांच की मांग हम निगम बोर्ड में उठायेंगे. आपका नाम काली सूची में डाला जायेगा. इस प्रकार से लेन-देन का सारा सिस्टम तैयार होता है.