गिरफ्तार होंगे डायरेक्टर व एजेंट

नन बैंकिंग कंपनी पैसे की वसूली कर फरार रांची : सिटी एसपी ने नन बैंकिंग कंपनी पीएसीएल के डायरेक्टर, मैनेजर, एकाउंटेंट और कार्यालय से जुड़े एजेंट की गिरफ्तारी का आदेश दिया है. इससे संबंधित आदेश उन्होंने केस के अनुसंधानक और सुखदेवनगर थाने में पदस्थापित दारोगा अशोक कुमार सिन्हा को दिया है.उल्लेखनीय है कि पीएसीएल इंडिया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2015 5:39 AM
नन बैंकिंग कंपनी पैसे की वसूली कर फरार
रांची : सिटी एसपी ने नन बैंकिंग कंपनी पीएसीएल के डायरेक्टर, मैनेजर, एकाउंटेंट और कार्यालय से जुड़े एजेंट की गिरफ्तारी का आदेश दिया है. इससे संबंधित आदेश उन्होंने केस के अनुसंधानक और सुखदेवनगर थाने में पदस्थापित दारोगा अशोक कुमार सिन्हा को दिया है.उल्लेखनीय है कि पीएसीएल इंडिया लिमिटेड कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए रमेश कुमार ने सुखदेवनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी. केस गत वर्ष 14 नवंबर को दर्ज कराया गया था.
रमेश कुमार का आरोप है कि कंपनी का एक एजेंट उनके पास पहुंचा. उसने बताया कि आप कंपनी से जुड़ जायें. आपको प्रति माह 240 रुपये जमा कराने होंगे. पांच साल पूरा होने के बाद आपको लाभ के रूप में कंपनी 15 हजार रुपये देगी. पांच साल पूरा होने के बावजूद रमेश को राशि नहीं मिली. जब वह रुपये लेने कंपनी के कार्यालय पहुंचे, तब उसने देखा कि कंपनी का कार्यालय बंद है. वहीं बाहर धोखाधड़ी के शिकार कई लोग खड़े हैं. इसके बाद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. उल्लेखनीय है कि अब तक कंपनी के एजेंट झारखंड के विभिन्न इलाकों से लोगों ने बड़ी राशि की वसूली कर कंपनी में जमा कर चुके हैं. धोखाधड़ी के शिकार लोगों की संख्या सैकड़ों में है.
पूर्व में हो चुकी है छापेमारी
केस दर्ज करने से पूर्व सुखदेवनगर पुलिस हरमू रोड स्थित पीएसीएल कंपनी के दफ्तर में छापेमारी कर चुकी है. छापेमारी में जब पुलिस को कंपनी के कार्यालय में कोई नहीं मिला, तब पुलिस ने कार्यालय को सील कर दिया था. इसके बाद प्राथमिकी दर्ज की गयी. मामले में आरंभिक अनुसंधान पूरा कर लिया गया है.
डीएसपी की रिपोर्ट पर सिटी एसपी ने की टिप्पणी
कोतवाली डीएसपी ने आरंभिक जांच के बाद जो रिपोर्ट सिटी एसपी को भेजी थी, उस रिपोर्ट में डीएसपी ने धारा 467, 468 और 471 समाहित किया था. इसे लेकर सिटी एसपी ने टिप्पणी की है. सिटी एसपी ने लिखा है कि धोखाधड़ी के प्रकरण में फरजी दस्तावेज प्रयुक्त किये जाने को लेकर रिपोर्ट में तथ्य नहीं है, इसलिए डीएसपी इससे संबंधित तथ्य का उल्लेख अपने आगे की जांच रिपोर्ट में करें.
जेएसआरडी : अपना सेटअप रहते आउट सोर्सिग से करा रहे काम
रांची : प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) का अधिकतर काम आउट सोर्सिग से कराया जा रहा है. डीपीआर बनाने से लेकर क्वालिटी जांच व सड़क निर्माण का काम कंपनियां कर रही हैं, जबकि सड़कों के निर्माण के लिए झारखंड स्टेट रूरल रोड डेवलपमेंट ऑथोरिटी( जेएसआरआरडीए) के पास अपना पूरा सेटअप है.
इसमें 250 इंजीनियरों की बड़ी फौज भी है. इसके बावजूद जेएसआरआरडीए के इंजीनियर डीपीआर नहीं बना रहे हैं, बल्कि डीपीआर बनाने का काम निजी कंपनियों को दिया जा रहा है. इसके लिए कंपनियों को काफी राशि का भुगतान भी किया जा रहा है. इतना ही नहीं क्वालिटी की जांच के लिए भी दो निजी कंपनियां रखी गयी हैं. उसे भी इस काम के लिए पैसे दिये जा रहे हैं.

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