चिकित्सक गुस्से में: स्थानांतरण व डिमोशन का विरोध, दी चेतावनी, तो देंगे सामूहिक इस्तीफा

रांची: स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्थानांतरण किये जाने एवं डिमोशन करने से नाराज चिकित्सकों ने सामूहिक इस्तीफा की धमकी दी है. झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विस एसोसिएशन (झासा) के बैनर तले आइएमए भवन में रविवार को बैठक कर यह निर्णय लिया गया. चिकित्सकों ने स्वास्थ्य विभाग पर रोष प्रकट करते हुए कहा कि 162 चिकित्सकों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 6, 2015 6:13 AM
रांची: स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्थानांतरण किये जाने एवं डिमोशन करने से नाराज चिकित्सकों ने सामूहिक इस्तीफा की धमकी दी है. झारखंड स्टेट हेल्थ सर्विस एसोसिएशन (झासा) के बैनर तले आइएमए भवन में रविवार को बैठक कर यह निर्णय लिया गया.
चिकित्सकों ने स्वास्थ्य विभाग पर रोष प्रकट करते हुए कहा कि 162 चिकित्सकों के स्थानांतरण में 70 चिकित्सकों का डिमोशन कर दिया गया है. सिविल सजर्न के पद से हटा कर चिकित्सा पदाधिकारी बना दिया गया है. यह गलत है, जिसे किसी हाल में बरदाश्त नहीं किया जायेगा. झासा के सचिव डॉ विमलेश सिंह ने बताया कि चरणबद्ध तरीके से आंदोलन किया जायेगा. पहले काला बिल्ला लगाया जायेगा एवं जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जायेगा.

इसके बाद भी सरकार नहीं मानती है, तो चिकित्सक सामूहिक इस्तीफा देंगे. झासा के अध्यक्ष डॉ विजय शंकर ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्थानांतरण कर उसी जिला में डिमोशन करने से चिकित्सकों में रोष है. चरणबद्ध आंदोलन से पूर्व झासा का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री रघुवर दास, स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी एवं स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात करेगा. ज्ञापन के माध्यम से चिकित्सकों की मांगों एवं समस्या से अवगत करायेगा जायेगा. सरकार को 15 दिन का समय दिया जायेगा. इसके बाद भी सरकार चिकित्सकों की मांगों को पूरा नहीं करती है, तो आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जायेगी. बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों से आये चिकित्सकों ने भाग लिया.

ये हैं सरकारी चिकित्सकों की प्रमुख मांगें
चिकित्सकों का प्रमोशन वन टाइम रिलेक्शेसन के साथ अविलंब किया जाये.
वरीयता सूची का प्रकाशन किया जाये
ग्रामीण क्षेत्र में कार्यरत चिकित्सकों को पीजी में आरक्षण एवं सवैतनिक छुट्टी दी जाये
डीएसीपी का भुगतान अप्रैल से किया जाये
2009 बैच के चिकित्सकों को प्रथम डीएसीपी का भुगतान किया जाये.
अनुबंध से स्थायी हुए चिकित्सकों की वरीयता प्रथम अनुबंध की तिथि से निर्धारित की जाये
चिकित्सकों एवं पारा मेडिकल कर्मियों के रिक्त पदों को भरा जाये
मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को लागू किया जाये
चिकित्सकों के स्थानांतरण, पदस्थापन एवं स्वास्थ्य संबंधी नीति में झासा एवं आइएमए के सदस्यों को शामिल किया जाये
चिकित्सा सेवा करेंगे प्रभावित: आइएमए
झासा के आंदोलन को आइएमए का सहयोग मिल गया है. स्टेट आइएमए के अध्यक्ष डॉ एके सिंह ने बताया कि चिकित्सकों के आंदोलन में हमारा पूरा सहयोग रहेगा. अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है, तो जरूरत पड़ने पर हम राज्य की चिकित्सा सेवा बंद करेंगे. इमरजेंसी सेवा को इससे दूर रखा जायेगा. सचिव डॉ प्रदीप कुमार ने बताया कि राज्य के चिकित्सकों की मांगें बहुत दिन से लंबित पड़ी हैं. डीएसीपी पर अभी फैसला नहीं हो पाया है.

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