कष्ट भरी जिंदगी को भी बोझिल नहीं समझते अनिल

रांची: पैरों पर खड़ा नहीं हो सकते, क्योंकि हादसे में दोनों पैर कट चुके हैं. शरीर साथ नहीं दे रहा है, क्योंकि किडनी प्रत्यारोपण जो करना पड़ा है. पहाड़ भरी मुश्किलों के बावजूद पलामू के अनिल कुमार पांडेय का जज्बा बुलंदी पर है. अनिल कष्ट भरी जिंदगी को बोङिाल नहीं समझते हैं. जीवन को ऊंचाई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2013 6:24 AM

रांची: पैरों पर खड़ा नहीं हो सकते, क्योंकि हादसे में दोनों पैर कट चुके हैं. शरीर साथ नहीं दे रहा है, क्योंकि किडनी प्रत्यारोपण जो करना पड़ा है. पहाड़ भरी मुश्किलों के बावजूद पलामू के अनिल कुमार पांडेय का जज्बा बुलंदी पर है.

अनिल कष्ट भरी जिंदगी को बोङिाल नहीं समझते हैं. जीवन को ऊंचाई तक पहुंचाने की तमन्ना रखते हैं. अनिल कुमार पांडेय के पास इंडियन ऑयल की डीलरशिप है. तमन्ना देश का नामी व्यवसायी बनने की है. भगवान पर पूरा भरोसा है, लेकिन समाज के लोगों से मन दुखी है. समाजवाले उन्हें दया की दृष्टि से देखते हैं.

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