1.70 लाख रुपये में बस रिजर्व कर हैदराबाद से मांडर पहुंचे 39 मजदूर

लॉकडाउन में भोजन का संकट झेल रहे प्रवासी मजदूर बस में महंगा किराया देकर घर लौटने को मजबूर हैं. शुक्रवार को ऐसे ही 39 मजदूर हैदराबाद से एक लाख 70 हजार में बस रिजर्व कर मांडर पहुंचे.

By Prabhat Khabar News Desk | May 16, 2020 1:06 AM

मांडर : लॉकडाउन में भोजन का संकट झेल रहे प्रवासी मजदूर बस में महंगा किराया देकर घर लौटने को मजबूर हैं. शुक्रवार को ऐसे ही 39 मजदूर हैदराबाद से एक लाख 70 हजार में बस रिजर्व कर मांडर पहुंचे. मांडर के कठचांचो, लोयो सहित कुली भंडरा के रहनेवाले इन मजदूरों ने बताया कि हैदराबाद के रंगारेड्डी में ग्लास क्लीनिंग का काम करते थे. जो कमाया था, वह डेढ़ महीने बैठ कर खाने में समाप्त हो गया था.

मजदूरी का बकाया पैसा था, वह भी नहीं मिला. लॉकडाउन के टूटने के इंतजार में उनके समक्ष खाने के लाले पड़ गये थे. घर वापसी के लिए उन्होंने सरकार द्वारा जारी वेबसाइट में ऑनलाइन आवेदन भी किया था. लेकिन किसी प्रकार का रिस्पांस नहीं मिलने पर उन्हें किराये के लिए घर से पैसा मंगाने पर मजबूर होना पड़ा. वे बस रिजर्व कर 12 मई को हैदराबाद से घर के लिए रवाना हुए.

मजदूरों के अनुसार मांडर रेफरल अस्पताल के समक्ष पहुंचने पर बस चालक अतिरिक्त दूरी का हवाला देकर उनसे भाड़ा के रूप में 10 हजार रुपये और लेने के लिए अड़ा हुआ था. वह उन्हें बस से सामान भी उतारने नहीं दे रहा था. इसी बीच मांडर के बीडीओ व पुलिस के पदाधिकारी वहां पहुंचे. उन्होंने तय भाड़ा से अतिरिक्त राशि मांगने को लेकर बस (टीएस07यूटी-1313) के चालक को फटकार लगायी. मजदूरों को उनका सामान दिलवाया. बाद में रेफरल अस्पताल में स्क्रीनिंग के बाद मजदूरों को 14 दिन के होम क्वारेंटाइन के लिए उनके घर भेज दिया गया. इससे पहले भी मांडर प्रखंड के तीन दर्जन मजदूर सूरत से महंगा किराया चुका कर बस से गांव लौट चुके हैं.

Next Article

Exit mobile version