डीजीपी व डीआइजी के आदेश के बाद भी पुलिस ने नहीं भेजी रिपोर्ट

रांची: एससी/एसटी थाने में दर्ज मामले (कांड संख्या-02/2014) में जेल में बंद वृद्ध फहीमुद्दीन खान के केस में रांची पुलिस सीनियर अफसरों को रिपोर्ट नहीं भेज रही है. 20 मार्च को डीजीपी डीके पांडेय और रांची जोन की आइजी सुमन गुप्ता ने रांची के एसएसपी को पत्र लिखते हुए मामले की समीक्षा की थी, वहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 13, 2015 6:12 AM
रांची: एससी/एसटी थाने में दर्ज मामले (कांड संख्या-02/2014) में जेल में बंद वृद्ध फहीमुद्दीन खान के केस में रांची पुलिस सीनियर अफसरों को रिपोर्ट नहीं भेज रही है. 20 मार्च को डीजीपी डीके पांडेय और रांची जोन की आइजी सुमन गुप्ता ने रांची के एसएसपी को पत्र लिखते हुए मामले की समीक्षा की थी, वहीं सुपरविजन में हुई गलतियों की रिपोर्ट मांगी थी. अब 20 दिन बीतने के बाद भी रिपोर्ट वरीय अफसरों को नहीं भेजी गयी है.
अदालत की ओर से बार-बार रिपोर्ट मांगे जाने के बाद भी पुलिस केस डायरी नहीं भेज रही है. इसे लेकर फहीमुद्दीन खान के परिजनों ने गत बुधवार को डीजीपी से मुलाकात कर न्याय की मांग की है. उल्लेखनीय है मामले में गवाह बनाये गये युवकों ने सिटी एसपी के सामने कहा था कि पुलिस ने कभी भी उसका बयान नहीं लिया. कथित रूप से गवाह बने दोनों युवक शिबू तिग्गा व अजीत कुमार ने डीआइजी को शपथ पत्र देकर कहा था कि उन्होंने कोई बयान नहीं दिया. इसके बाद डीआइजी ने मामले की समीक्षा की थी. समीक्षा के बाद डीआइजी ने एसएसपी को पत्र लिख कर कहा था कि रामजी सिंह नामक व्यक्ति कानून के साथ खिलवाड़ कर रहा है. जब फहीमुद्दीन खान के खिलाफ दर्ज दो मामलों को पुलिस ने गलत पाया, तो उसके खिलाफ तीसरी प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी.
किस अधिकारी ने कब क्या आदेश दिया
11 मार्च : सिटी एसपी ने गोंदा थाने के दारोगा को मामले के दस्तावेज और प्राथमिकी दर्ज करानेवाली युवती को दो दिन के भीतर लेकर आने का आदेश दिया.
20 मार्च : आइजी ने अनुसंधान में हुई गड़बड़ी और सुपरविजन करने वाले पदाधिकारियों की भूमिका पर एसएसपी से एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी.
25 मार्च : डीजीपी के पत्र (20 मार्च) के आधार पर डीआइजी ने सिटी एसपी से एक सप्ताह के भीतर सुपरविजन टिप्पणी भेजने का आदेश दिया.

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