third wave in jharkhand ( राजीव पांड्ये ) रांची : कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग ने 100 दिन को अहम मानकर चिकित्सा सेवा की तैयारी की है. अहम 100 दिन में 30 दिन गुजर गये हैं. ऐसे में 70 दिनों तक इसी सावधानी और सतर्कता से संभावित लहर से खुद को बचाया जा सकता है. राज्य में कोरोना संक्रमितों की वर्तमान स्थिति (22 अगस्त की कोरोना बुलेटिन) से भी राहत का अंदाजा लगाया जा सकता है, क्यों कि एक्टिव केस की संख्या 177 है. वहीं नये संक्रमित भी कम हो गये हैं. रविवार को राज्य में पांच नये संक्रमित मिले और यह संख्या छह माह पहले की तरह है.
विशेषज्ञों का कहना है कि पहला डोज लेने के बाद 70 और दोनों डोज लेने के बाद 85 से 90 फीसदी संक्रमण की संभावना घट जाती है. कोविशील्ड, फायजर और बॉयोकॉन का टीका लेने के बाद वैज्ञानिकों द्वारा किये गये शोध से इसकी पुष्टि भी हुई है. कोरोना की संभावित तीसरी लहर से बचाने में टीका ही अहम हथियार है. टीका लेकर वायरस के विरुद्ध सुरक्षा कवच तैयार किया जा सकता है. कोरोना गाइडलाइन जैसे सामाजिक दूरी का पालन व मास्क पहनना जरूरी है. साथ ही हाथों की सफाई का भी ध्यान रखना होगा.
राज्य के छह जिलों में कोरोना संक्रमित की स्थिति चिंतनीय है, क्योंकि यहीं एक्टिव केस ज्यादा हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी 22 अगस्त के आंकड़े की माने, तो सबसे ज्यादा एक्टिव केस रांची जिला में 85 है. उसके बाद धनबाद में 11, पूर्वी सिंहभूम में 11, खूंटी में 14, जामताड़ा में 11 और लोहरदगा में 13 है. अगर इन जिलोंं में एक्टिव केस कम हो जायें, ताे राज्य की स्थिति अौर बेहतर होगी. विशेषज्ञों का कहना है कि इन जिलों के लाेग कोरोना गाइडलाइन का पालन करेंगे तो स्थिति बेहतर होगी.
कोरोना संक्रमण से बचाव में टीका ही अहम है. टीकाकरण की संख्या में वृद्धि होने के बाद ही संक्रमण दर में कमी आयी है. राज्य में जब तक शत-प्रतिशत टीकाकरण नहीं हो जाता है, लोगों को कोरोना की गाइडलाइन का पालन करना होगा. तीसरी लहर कुछ राज्यों में देखी जा रही है, लेकिन उसकी जटिलता कम है.
डॉ प्रदीप भट्टाचार्या, क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ
Posted By : Sameer Oraon