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दिल्ली में अनाथ हुई पलामू की 4 साल की बच्ची और मानव तस्करी की शिकार लातेहार के 2 बच्चियों की सकुशल वापसी

दिल्ली में अनाथ हुई पलामू जिले की चार साल की बच्ची और मानव तस्करी की शिकार हुई लातेहार जिले की दो बच्चियों की सकुशल वापसी हो रही है. चार साल की बच्ची के पिता इलाज के दिल्ली गये थे, जहां बच्ची के पिता की मौत हो गयी थी.

Jharkhand News: मानव तस्करी के चंगुल में फंसी पलामू और लातेहार की तीन बच्चियों की जल्द सकुशल वापसी होगी. महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र द्वारा पलामू जिले के चार साल की अनाथ बच्ची को घर भेजने की कार्रवाई की जा रही है. वहीं, लातेहार जिले की दो बच्चियों को भी नई दिल्ली से सकुशल घर वापसी हो रही है.

दिल्ली में इलाज के दौरान पिता की मृत्यु के बाद बच्ची हो गई थी अनाथ

एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र के नोडल ऑफिसर नचिकेता ने बताया कि पलामू की चार साल की बच्ची के साथ उसके पिता इलाज के लिए दिल्ली आये थे. इसके पिता काफी बीमार थे. दिल्ली पुलिस की मदद से बच्ची के पिता को हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया और बच्ची को दिल्ली के एक होम में रख दिया गया. दिल्ली पुलिस का मकसद था कि उसके पिता की तबीयत ठीक होते ही बच्ची को उसके पिता को सौंप दिया जाएगा, लेकिन दुर्भाग्यवश इलाज के दौरान ही उसके पिता की मृत्यु हो गई और बच्ची पूरी तरह से अनाथ हो गई.

डॉक्यूमेंट्स के आधार पर परिजनों से किया गया था संपर्क

पिता के देहांत के बाद उसके पास से कुछ डाक्यूमेंट्स मिले थे जिसमें पता चला कि बच्ची के पिता झारखंड के पलामू जिले के निवासी थे. होम और CWC ने हमसे संपर्क किया और डाक्यूमेंट्स के आधार पर जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी से संपर्क किया गया. साथ ही डॉक्यूमेंट्स को उनके पास भेजते हुए बच्ची के परिवार एवं घर का पता लगाने का अनुरोध किया. जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने अपने डीसीपीओ के सहयोग से त्वरित कार्रवाई करते हुए ना केवल बच्ची के घर का पता लगाने के साथ फैमिली का भी पता लगाया, साथ ही तुरंत एक टीम का गठन कर नई दिल्ली भेजा. यह टीम जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी के नेतृत्व में नई दिल्ली आयी और बच्ची को गरीबरथ एक्सप्रेस से झारखंड ले जा रही है. एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र के नोडल ऑफिसर नचिकेता ने कहा कि पलामू पहुंचते ही बच्ची को CWC के माध्यम से उनके परिवार को सौंप दिया जाएगा.

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एक माह से बच्ची के परिजनों की तलाश की जा रही थी

इस बच्ची का पता कुछ महीने पहले ही एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र, नई दिल्ली को लगा था. तभी से झारखंड के पलामू जिले में बच्ची के परिवार वालों की तलाश की जा रही थी. पलामू जिला के जिला समाज कल्याण पदाधिकारी संध्या रानी एवं जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार के प्रयास से बच्ची की फैमिली और उनका गृह का सत्यापन हो पाया.

फैमिली का पता चलते ही जिला प्रशासन ने की त्वरित कार्रवाई

बच्ची के परिवार का पता चलते ही जिला प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया और वह टीम नई दिल्ली आकर बच्ची को वापस लाने के प्रयास में जुट गयी. यहां आने पर बच्ची को CWC के समक्ष पेश किया जाएगा. इसके बाद सीडब्ल्यूसी के द्वारा बच्ची को उसके परिवार को सौंप दिया जाएगा.

स्पॉन्सरशिप योजना का मिलेगा लाभ

बच्ची के भविष्य को देखते हुए पलामू जिले के DSW और DCPO द्वारा बताया गया कि बच्ची को जल्द ही स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ा जाएगा. इस योजना के तहत बच्ची को दो हजार रुपये प्रति माह के हिसाब से तीन साल के लिए राशि दी जाएगी. यह राशि बच्चों के शिक्षा एवं अन्य देखभाल के लिए दी जाती है. साथ ही बच्चों को ग्रामीण जिला में गठित बाल संरक्षण कमेटी (Child Protection Committee- CPC) को सौंपा जाएगा, ताकि बच्ची की सतत निगरानी की जा सके.

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मानव तस्करी के शिकार दो बच्चियों की भी हो रही घर वापसी

इस टीम के साथ मानव तस्करी के शिकार हुए लातेहार की दो बच्चियों की भी घर वापसी हो रही है. इन बच्चियों को भी एकीकृत पुनर्वास सह संसाधन केंद्र, नई दिल्ली के द्वारा रैस्क्यू कराया गया था जिसमें निर्मला खलखो एवं राहुल सिंह के द्वारा अहम भूमिका निभाई गई थी.

Posted By: Samir Ranjan.

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