14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

4 Years of Hemant Sarkar: सीएम हेमंत सोरेन ने की घोषणा, अब 50 साल में मिलेगी वृद्धावस्था पेंशन

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि जब उनकी सरकार बनी, तो कोरोना काल चल रहा था. ये अभिशाप की तरह था. ऐसे भी झारखंड की गिनती सबसे पिछड़े राज्य में की जाती है. यहां मजदूर एक दिन मजदूरी नहीं करता है तो उसके घर का चूल्हा नहीं जलता है. ऐसे समय में हमारी जंग कोरोना और भुखमरी दोनों से थी.

रांची: झारखंड सरकार की चौथी वर्षगांठ पर मोरहाबादी मैदान में आयोजित समारोह में सीएम हेमंत सोरेन ने वृद्धावस्था पेंशन को लेकर बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अब आदिवासी परिवार के लोगों को 60 वर्ष पूरा होने पर नहीं, बल्कि 50 साल की उम्र में ही पेंशन मिलेगी. उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार बनी, तो कोरोना काल चल रहा था. ये अभिशाप की तरह था. ऐसे भी झारखंड की गिनती सबसे पिछड़े राज्य में की जाती है. यहां मजदूर एक दिन मजदूरी नहीं करता है तो उसके घर का चूल्हा नहीं जलता है. ऐसे समय में हमारी जंग कोरोना और भुखमरी दोनों से थी. उस समय हमने पूरे देश में ऑक्सीजन दिया. बिना पैनिक किए हमने पूरी स्थिति को संभाला. इस कोरोना में हमारे दो मंत्री चले गए. टाइगर जगरनाथ महतो हमारे बीच नहीं रहे. उनकी पत्नी को हमने मंत्री बनाया. नवजात झारखंड का जब 2000 में जन्म हुआ तो इसे मजबूत करने के बजाय इसे लूट लिया गया. उस वक्त हम सहानुभूति के अलावा कुछ नहीं दे सके. झारखंड तो अलग हुआ लेकिन उसे वो सब नहीं मिल सका जिससे झारखंड का विकास हो सके. हम जब सरकार में आए तो इसकी स्थिति काफी भयावह थी. यहां पलायन अपने शीर्ष पर था. कोरोना में तो आपने देखा ही लाखों मजदूर बाहर फंसे थे, सबको हमने बचाया. आपदा में भी हमने एक को भी भूख से मरने नहीं दिया और इन लोगों ने आम मौके पर ही भुखमरी की स्थिति में ला दिया था.

पहले की सरकार ने खजाना खाली कर दिया था

सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि जब हमारी सरकार थी तो हमे पता था कि राज्य की स्थिति कितनी खराब हो चुकी थी, लेकिन हमने लोगों को राशन कार्ड दिया. जरूरतमंदों को पेंशन दी, लेकिन इससे भी काम नहीं चलेगा. कई ऐसे गरीब हैं जो आज के समय में भी मुसीबत से जूझ रहे हैं. आज इस राज्य के हमारे आदिवासी भाइयों की पेंशन लिमिट को 60 साल से घटा कर 50 साल कर दिया जाएगा. अबसे झारखंड में 50 साल की उम्र से ही लोगों को पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी. आज दूसरे राज्यों को केंद्र से पैसा मिलता है हमें नहीं मिलता है. हमने मात्र 4 वर्षों में 20 लाख किसानों को केसीसी से जोड़ दिया. अब झारखंड सरकार किसानों को बीमाकृत जानवर बांटेगी. अगर जानवर मरा भी तो इसका पैसा सरकार देगी, लेकिन पहले ऐसा नहीं था. पहले की सरकार किसानों को कमजोर जानवर देती थी, जो जल्दी ही मर जाते थे. जिस राज्य में डबल इंजन की सरकार नहीं है उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जाता है. जब राज्य अलग हुआ था तो गरीब राज्य अलग नहीं हुआ था, खजाने में पैसे थे, लेकिन उस वक्त की सरकार ने खजाना खाली कर दिया और हमें मरने के लिए छोड़ दिया.

Also Read: 4 Years of Hemant Sarkar LIVE: सरकार की चौथी वर्षगांठ पर हेमंत सोरेन ने पेश किया रिपोर्ट कार्ड

मजबूती की राह पर बढ़ रहा झारखंड

ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम कहते हैं कि हमने झारखंड को मजबूरी से मजबूती की राह पर बढ़ते देखा है. झारखंड के जो लोग विधवा पेंशन, सर्वजन पेंशन के लिए भटक रहे थे, उनके लिए हमने सब कुछ सुगम किया. जिन्हें केंद्र सरकार का आवास नहीं मिल सका, उनके लिए हमने अबुआ आवास योजना की शुरुआत की. आज तक किसी भी सरकार ने आवास के लिए 2-2 लाख नहीं दिए, लेकिन हम वो कर रहे हैं. हमने महंगाई पर बात की थी, रोजगार पर बात की थी और मैं मानता हूं कि हमारी सरकार समर्पित भावना से उस कार्य को कर रही है. मैं बीजेपी से पूछना चाहता हूं कि 1932 खतियान का समर्थन वो किस हक से कर रही है, जो कभी उनका मुद्दा रहा ही नहीं.

Also Read: झारखंड का एक गांव, जिसका नाम सुनते ही नहीं थमेगी हंसी, ग्रामीणों को भी आती है काफी शर्म

हेमंत सरकार में दिख रहा है विकास

श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा कि झारखंड सरकार लोगों को अबुआ आवास दे रही है. सर्वजन पेंशन योजना के लिए कई लोग भटकते रहते थे, लेकिन लोगों को इन योजनाओं का लाभ हेमंत सरकार के आने के बाद ही मिल रहा है. हेमंत सरकार ने युवाओं को रोजगार से जोड़ने का काम किया है. इसके पूर्व में जो सरकार रही, उसने क्या किया, वह किसी को नहीं पता. हमारे आने के बाद से ही झारखंड में विकास दिख रहा है. कार्यक्रम के दौरान कुछ लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण किया गया. सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, सर्वजन पेंशन योजना, दीनदयाल अंत्योदय योजना, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, नि:शुल्क साइकिल वितरण योजना, धोती-साड़ी वितरण योजना, अबुआ आवास योजना के लाभुकों के बीच सांकेतिक रूप से परिसंपत्तियों का वितरण किया गया. उद्योग विभाग के द्वारा मंच पर टिनप्लेट कंपनी और झारखंड सरकार के बीच एमओयू किया गया.

Also Read: झारखंड: करोड़पति बनने का सपना ऐसे भी हो रहा साकार, 49 रुपए से रातोंरात बदल रही किस्मत, लेकिन बरतें ये सावधानी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें