क्यों नहीं हुआ पर्यटन स्थलों का समय पर विकास

रांची : हाइकोर्ट में मंगलवार को राज्य के पर्यटन स्थलों के विकास को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. पूछा कि 274 पर्यटन स्थलों के विकास का क्या हुआ. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 22, 2015 6:36 AM
रांची : हाइकोर्ट में मंगलवार को राज्य के पर्यटन स्थलों के विकास को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.
चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. पूछा कि 274 पर्यटन स्थलों के विकास का क्या हुआ. विकास कार्य समय पर क्यों नहीं पूरे हुए. कितनी राशि मिली और कितना खर्च किया गया है. निर्माण कार्य की क्या स्थिति है. रखरखाव के लिए क्या कदम उठाये गये हैं.
खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि कोई भी काम विजन से करें. सरकार को अपना विजन स्पष्ट करना चाहिए. पर्यटन नीति तैयार करें. वहीं खंडपीठ में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अधिवक्ता राजीव सिन्हा ने बताया कि स्टेटमेंट ऑफ फैक्ट मिल गया है. जवाब दाखिल करने के लिए समय देने का आग्रह किया.
उन्होंने मौखिक रूप से बताया कि केंद्र सरकार ने 38 करोड़ रुपये से अधिक राशि पर्यटन स्थलों के विकास के लिए दी है. खंडपीठ ने आग्रह स्वीकार करते हुए सुनवाई चार सप्ताह के लिए स्थगित कर दी.

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