स्कूली बच्चे अब खुद दर्ज करेंगे उपस्थिति
कक्षा तीन से आठ के बच्चे अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे कक्षा एक व दो के बच्चों की उपस्थिति पूर्व की भांति दर्ज की जायेगी रांची : प्राथमिक व मध्य विद्यालय के बच्चे अब अपनी उपस्थिति स्वयं दर्ज करेंगे. झारखंड शिक्षा परियोजना ने इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र भेज दिया […]
कक्षा तीन से आठ के बच्चे अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे
कक्षा एक व दो के बच्चों की उपस्थिति पूर्व की भांति दर्ज की जायेगी
रांची : प्राथमिक व मध्य विद्यालय के बच्चे अब अपनी उपस्थिति स्वयं दर्ज करेंगे. झारखंड शिक्षा परियोजना ने इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा अधीक्षक को पत्र भेज दिया है. झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक हंसराज सिंह द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि जिस प्रकार विद्यालय के शिक्षक उपस्थिति पंजी में स्वयं अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं, उसी तरह विद्यार्थी भी अपनी उपस्थिति स्वयं दर्ज करेंगे. विद्यार्थी उपस्थिति पंजी में विद्यालय आने व जाने का समय के साथ-साथ अपने हस्ताक्षर करेंगे.
कक्षा तीन से आठ के बच्चे अपनी उपस्थिति दर्ज करेंगे. कक्षा एक व दो के बच्चों की उपस्थिति पूर्व की भांति दर्ज की जायेगी. इसकी शुरुआत प्रयास कार्यक्रम के तहत की गयी है. प्रयास स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए चलनेवाली योजना है. अब तक राज्य के सभी जिलों के एक-एक प्रखंड में पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत यह योजना चल रही थी.
कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए झारखंड शिक्षा परियोजना ने इसे राज्य के सभी प्राथमिक विद्यालय में लागू करने का निर्णय लिया है. वर्तमान शैक्षणिक सत्र से इसे सभी प्राथमिक विद्यालय में लागू करने का निर्देश दिया गया है. कार्यक्रम की शुरुआत के पूर्व साधन सेवी, विद्यालय प्रबंध समिति व शिक्षकों की इसकी जानकारी दी जायेगी. इसके लिए राज्य के सभी प्रखंड संसाधन केंद्र में दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित करने का निर्देश दिया गया है. सभी प्रखंड में प्रशिक्षण कार्य 15 मई से शुरू करने को कहा गया है.
बच्चों की संख्या में फर्जीवाड़ा पर लगेगी रोक
बच्चों द्वारा उपस्थिति बनने से स्कूलों में बच्चों की संख्या में होनेवाले फर्जीवाड़ा पर रोक लगेगी. बच्चे द्वारा स्वयं उपस्थिति बनाने से वैसे बच्चे जो लगातार विद्यालय नहीं आते हैं, उन्हें भी आसानी से चिह्नित किया जा सकेगा. राज्य में मध्याह्न भोजन योजना में फर्जी बच्चों के नाम पर खाना बनाने का मामला प्रकाश में आता रहा है. पदाधिकारियों द्वारा स्कूलों के निरीक्षण में यह बात सामने आयी है कि उपस्थित बच्चों की तुलना में अधिक बच्चों का खाना बनाया जाता है.