इसलामिक कॉलेज ने छात्राओं को दौड़ने से रोका

‘कौमार्य भंग होने’ की आशंका मेलबर्न. ऑस्ट्रेलिया के एक इसलामी कॉलेज ने ‘कौमार्य भंग होने’ की आशंका को लेकर अपनी छात्राओं को दौड़ प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने से रोक दिया है. मामले की जांच के आदेश दिये गये हैं. द एज अखबार के अनुसार, राज्य स्कूल नियामक, विक्टोरियन रजिस्ट्रेशन एंड क्वालीफिकेशंस ऑथोरिटी (वीआरक्यूए) यहां के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 23, 2015 6:04 PM

‘कौमार्य भंग होने’ की आशंका मेलबर्न. ऑस्ट्रेलिया के एक इसलामी कॉलेज ने ‘कौमार्य भंग होने’ की आशंका को लेकर अपनी छात्राओं को दौड़ प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने से रोक दिया है. मामले की जांच के आदेश दिये गये हैं. द एज अखबार के अनुसार, राज्य स्कूल नियामक, विक्टोरियन रजिस्ट्रेशन एंड क्वालीफिकेशंस ऑथोरिटी (वीआरक्यूए) यहां के ट्रूगानिना उपनगरीय इलाके में स्थित अल-तकवा कॉलेज में लड़कियों को दौड़ में हिस्सा लेने से रोकने के मामले की जांच कर रही है. खबर में कॉलेज के एक पूर्व शिक्षक द्वारा इस हफ्ते शिक्षा मंत्रियों को भेजे गये एक पत्र का हवाला दिया गया, जिसमें स्कूल द्वारा छात्रों के साथ किये जा रहे भेदभाव की बात कही गयी है. पत्र में कहा गया, ‘प्राचार्य का मानना है कि अगर लड़कियां ज्यादा दौड़ेंगी, तो उनका ‘कौमार्य भंग’ हो सकता है. प्राचार्य का मानना है कि वैज्ञानिक सबूतों से पता चलता है कि अगर लड़कियां चोटिल हो गयीं. जैसे कि फुटबॉल खेलते हुए अगर उनका पैर टूट गया, तो इससे वह बांझ हो सकती हैं.’ प्राचार्य उमर हलाक पर लड़कियों को खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने से रोकने का आरोप लगाया गया है, क्योंकि उन्हें लगता है कि संभावित चोटांे से वे बांझ हो सकती हैं. अखबार के अनुसार, हलाक ने इससे पहले दावा किया था कि इस्राइल और अमेरिका ने इसलामिक स्टेट आतंकी समूह के निर्माण की साजिश रची है.

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