.समृद्ध विरासत के वाहक थे वीर कुंवर सिंह : सरयू राय
फोटो फाइल 23आर-एफ-दीप जला कर जयंती सह विजयोत्सव समारोह का उदघाटन करते सरयू रायरामगढ़. वीर कुंवर सिंह समृद्ध विरासत के वाहक थे. देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम में इनके योगदान का विशेष महत्व है. उक्त बातें अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा रामगढ़ के तत्वावधान में आयोजित वीर बाबू कुंवर सिंह की जयंती सह विजयोत्सव समारोह को […]
फोटो फाइल 23आर-एफ-दीप जला कर जयंती सह विजयोत्सव समारोह का उदघाटन करते सरयू रायरामगढ़. वीर कुंवर सिंह समृद्ध विरासत के वाहक थे. देश के पहले स्वतंत्रता संग्राम में इनके योगदान का विशेष महत्व है. उक्त बातें अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा रामगढ़ के तत्वावधान में आयोजित वीर बाबू कुंवर सिंह की जयंती सह विजयोत्सव समारोह को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि राज्य के काबिना मंत्री सरयू राय ने गुरुवार को कही. उन्होंने कहा कि 1857 की क्रांति को पूरे देश में फैलाने की योजना थी. उनकी लड़ाई सिर्फ जगदीशपुर की आजादी नहीं थी. वे स्वतंत्र भारत की कल्पना के साथ अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बिगुल फूंका था. श्री राय ने कहा कि आजादी के लड़ाई में सभी जात व धर्म के लोगों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी. उन्होंने कहा कि बाबू कुंवर सिंह ने देश के लिये सामाजिक समरसता का सपना देखा था. वह आज भी प्रासंगिक है. इस विरासत को बढाने की जरूरत है. विशिष्ट अतिथि कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामप्रवेश प्रसाद सिंह ने कहा कि 80 वर्ष की उम्र में उनकी वीर गाथा से सभी परिचित हैं. लेकिन सबसे बड़ी बात है कि कुंवर सिंह विलक्षण नेतृत्व क्षमता के धनी थे. उन्होंने कहा कि थोड़े सैनिक के दम पर शक्तिशाली अंग्रेजों को जगदीशपुर छोड़ने का मजबूर कर दिया. यह कठिन काम उन्होंने जीतने के मजबूत आत्मबल से हासिल किया. यह सब राष्ट्रीयता के मिशन के कारण संभव हुआ. विजयोत्सव के पूर्व मुख्य अतिथि सरयू राय, विशिष्ठ अतिथि डॉ रामप्रवेश प्रसाद सिंह सहित अन्य लोगों ने नयीसराय चौक पर स्थित कुंवर सिंह की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया.