न्यायालय के निर्देश पर 17 जुलाई, 2013 को दर्ज हुआ था केस रांची: पुलिस मुख्यालय में आइजी के पद से सेवानिवृत्त विनय पांडेय के खिलाफ एक बार फिर से निगरानी ने जांच शुरू कर दी है. उन पर अपने भाई धीरेंद्र पांडेय को आयुष चिकित्सा विभाग में नियुक्त कराने और इसके लिए संबंधित अधिकारी को दो लाख रुपये की पेशकश का आरोप है. निगरानी अदालत के निर्देश पर मामले को लेकर निगरानी थाने में कांड संख्या 31/ 30 के अंतर्गत केस दर्ज है. यह केस 17 जुलाई, 2013 को दर्ज हुआ था. न्यायालय के निर्देश पर मामले की कुछ दिनों तक जांच हुई, लेकिन यह फाइल पिछले डेढ़ वर्षों से दबी हुई थी. इस दौरान निगरानी के किसी अधिकारी ने मामले में दिलचस्पी नहीं लिया. जब निगरानी के आइजी मुरारी लाल मीणा को मामले की जानकारी हुई, तब फिर से जांच शुरू हुई है. निगरानी के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार केस दर्ज होने के बाद विनय पांडेय निगरानी के अधिकारियों से फोन पर कई बार इस बात को लेकर अनुरोध कर चुके हैं कि यदि मैं निर्दोष हूं, तो मामले की जांच पूरी कर सरकार के पास रिपोर्ट भेज दी जाये. वहीं मेरे खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है, तो मुझे निर्दोष बताते हुए इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाये. इसके बावजूद आइजी की बात पर निगरानी के किसी अधिकारी ने कोई ध्यान नहीं दिया. निगरानी के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक विनय पांडेय की संलिप्तता के संबंध में निगरानी के पास कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है.
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विनय पांडेय के खिलाफ फिर से निगरानी जांच शुरू
न्यायालय के निर्देश पर 17 जुलाई, 2013 को दर्ज हुआ था केस रांची: पुलिस मुख्यालय में आइजी के पद से सेवानिवृत्त विनय पांडेय के खिलाफ एक बार फिर से निगरानी ने जांच शुरू कर दी है. उन पर अपने भाई धीरेंद्र पांडेय को आयुष चिकित्सा विभाग में नियुक्त कराने और इसके लिए संबंधित अधिकारी को […]
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