24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

वोट देकर नालसा जजमेंट का 10वां साल मनायेंगे ट्रांसजेंडर

15 अप्रैल 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडरों को अधिकार देने का आदेश दिया था. यह आदेश नालसा जजमेंट के नाम से जाना जाता है.

रांची. ट्रांसजेंडर को अधिकार मिलने का 10 साल पूरा होने जा रहा है. 15 अप्रैल 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडरों को अधिकार देने का आदेश दिया था. यह आदेश नालसा जजमेंट के नाम से जाना जाता है. इसमें नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (नालसा) और भारत सरकार पार्टी थी. इसमें कहा गया था कि महिला और पुरुषों की तरह ट्रांसजेंडरों को भी अधिकार मिले. इसके बाद ट्रांसजेडरों का पहचान पत्र बनने लगा था. इसी समय ट्रांसजेंडरों का मतदाता पहचान पत्र भी बना. इसके बाद चुनावों में ट्रांसजेंडरों ने मतदान का प्रयोग शुरू किया था. ट्रांसजेंडर मतदाता आनेवाले लोकसभा चुनाव में अधिकार मिलने का 10वां साल मनायेंगे. झारखंड में भी मतदाताओं को मतदान के प्रति जागरूक करने का प्रयास हो रहा है. झारखंड में सबसे अधिक ट्रांसजेंडर मतदाता जमशेदपुर में हैं. सबसे कम पलामू में हैं. बीते लोकसभा चुनाव की तुलना में इनकी संख्या करीब डेढ़ गुणा बढ़ी है. 2019 में कुल 230 मतदाता थे. यह संख्या 2024 में बढ़ कर 407 हो गयी है. चुनाव आयोग के डाटा के अनुसार झारखंड के चार लोकसभा क्षेत्रों में ट्रांसजेंडरों की संख्या घट गयी है. राजमहल में 2019 में नौ ट्रांसजेंडर थे, यह घट कर सात हो गयी है. चतरा में 2019 में चार ट्रांसजेंडर थे, इनकी संख्या वहां घट कर दो हो गयी है. गिरिडीह में 19 से घट कर सात हो गयी है. वहीं, लोहरदगा में संख्या सात से घट कर चार हो गयी है. सिंहभूम में ट्रांसजेंडरों की संख्या सात से बढ़ कर 33 हो गयी है. 2019 में वहां सात ही ट्रांसजेंडर थे. जमशेदपुर में इनकी संख्या करीब दो गुणा बढ़ गयी है. वहां बीते चुनाव के समय 56 ट्रांसजेंडर थे, यह बढ़ कर 128 हो गयी है. दुमका में ट्रांसजेंडरों की संख्या सात की सात ही रह गयी है. ट्रांसजेंडरों पर काम करनेवाली मुंबई की संस्था द हमसफर ट्रस्ट की सहायक मैनेजर (एडवोकेसी) अंजली सिरोया कहती है कि 1994 में ट्रांसजेंडर (अधिकार का संरक्षण)-2019 कानून आया. इसके बाद भी अधिकार नहीं मिल पाया था. 15 अप्रैल 2014 को आये नालसा जजमेंट के बाद अधिकार मिलना शुरू हो गया. पहली बार ट्रांसजेंडरों का पहचान पत्र बना. अधिकार मिलने लगे. इसी के साथ मतदान का अधिकार भी मिला. अब इसको एंज्वाय करने की जरूरत है. अपनी पसंद के हिसाब से मत देने की जरूरत है. इसके लिए सभी को आगे आना चाहिए. रांची की नरगिस किन्नर कहती हैं कि हमें भी वोट देने का हक मिला है. हमलोग वोट अवश्य डालेंगे. पहले हमें वोट डालने का अधिकार नहीं मिला था. हम तो सदैव से अपने अधिकारों से वंचित रहे हैं. अब जब किन्नरों को वोट देने का अधिकार मिला है, तो पूरा किन्नर समाज इस बात को लेकर अब जागरूक है. मेरा आग्रह है कि किन्नर समुदाय बढ़-चढ़ कर चुनाव में हिस्सा लें. ये हमारे देश के लोकतंत्र का महापर्व है. महापर्व मनायें. हर किन्नर अपना वोट जरूर डालें. वोट देने जरूर जायें.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें