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शहर में सुगम यातायात के लिए क्या हुई कार्रवाई

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने सोमवार को अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए रांची नगर निगम की भूमिका पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने निगम की ओर से दायर जवाब को असंतोषजनक बताते हुए खारिज कर दिया. कहा, अतिक्रमण हटाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है. शपथ पत्र […]

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने सोमवार को अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए रांची नगर निगम की भूमिका पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने निगम की ओर से दायर जवाब को असंतोषजनक बताते हुए खारिज कर दिया.

कहा, अतिक्रमण हटाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गयी है. शपथ पत्र में यह नहीं बताया गया है कि बहुमंजिला भवनों के पार्किग स्थल पर किये गये अतिक्रमण को हटाने के लिए क्या कार्रवाई की गयी है. जस्टिस एनएन तिवारी व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. नगर निगम को शपथ पत्र के माध्यम से विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. पूछा कि मेन रोड, रातू रोड, सरकुलर रोड, हजारीबाग रोड में यातायात को सुगम बनाने के लिए क्या कार्रवाई की गयी. इन सड़कों पर किये गये अतिक्रमण को क्यों नहीं हटाया गया. अतिक्रमण हटाने के लिए निगम की क्या योजना है. क्या पार्किग के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गयी है. दो अक्तूबर तक शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया गया.

खंडपीठ ने नगर निगम को मौखिक निर्देश देते हुए कहा कि चेंबर, भवन मालिकों व दुकानदारों के साथ बैठ कर समस्या का हल निकालें. यदि बहुमंजिला भवन हटाना मुश्किल है, तो संबंधित भवन मालिक मल्टीलेबल पार्किग की व्यवस्था करें, ताकि आम जनता के आवागमन में कठिनाई नहीं हो. भवन मालिकों के सहयोग से बेसमेंट के पार्किग स्थल पर से अतिक्रमण हटाया जाये. खंडपीठ ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि नगर निगम द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं की गयी, तो अदालत सख्त आदेश पारित कर सकती है. खंडपीठ ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि अदालत की यह मंशा कभी नहीं रही कि जो व्यक्ति 50 वर्षो से आजीविका चला रहे है, उन्हें हटा कर उनके जीवन पर कुठाराघात की जाये. यह समस्या का निदान नहीं है. मिल बैठक कर समस्या का हल निकालें. यातायात व्यवस्था सुगम रहे, इसे सुनिश्चित करना नगर निगम का दायित्व है. अतिक्रमण के नाम पर जनता में भय पैदा नहीं किया जाये. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी आशीष कुमार सिंह ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में बहुमंजिली इमारतों के बेसमेंट, मेन रोड आदि से अतिक्रमण हटाने के लिए उचित आदेश देने का आग्रह किया गया है.

मौखिक टिप्पणी में खंडपीठ ने कहा कि देखा जाता है कि हाइकोर्ट के आदेश के बाद अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू हो जाता है और जनता में भय का वातावरण बन जाता है. ऐसा माहौल नहीं बनना चाहिए. मेन रोड, सरकुलर रोड, हजारीबाग रोड व रातू रोड में बहुंमजिली पार्किग की व्यवस्था पर विचार किया जाना चाहिए, क्योंकि वाहनों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है.

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