मिल कर करें देश का विकास
बिशप चाल्र्स सोरेंग ने की झाखमेइया की अध्यक्षता, कहा 7,15,200 रुपये का वार्षिक बजट पारित रांची : राज्यस्तरीय अल्पसंख्यक शिक्षण संस्था (झाखमेइया) की वार्षिक आमसभा शनिवार को एसडीसी में हुई. इसमें अध्यक्ष बिशप चाल्र्स सोरेंग ने कहा कि लोग देश का विकास मिलजुल कर करना सीखें. एक साथ रहना और काम करना सीखें. बच्चों को […]
बिशप चाल्र्स सोरेंग ने की झाखमेइया की अध्यक्षता, कहा
7,15,200 रुपये का वार्षिक बजट पारित
रांची : राज्यस्तरीय अल्पसंख्यक शिक्षण संस्था (झाखमेइया) की वार्षिक आमसभा शनिवार को एसडीसी में हुई.
इसमें अध्यक्ष बिशप चाल्र्स सोरेंग ने कहा कि लोग देश का विकास मिलजुल कर करना सीखें. एक साथ रहना और काम करना सीखें. बच्चों को भी जानने, करने, बनने व मिलजुल कर रहने की शिक्षा देने की आवश्यकता है. उन्होंने मिशनरी शिक्षण संस्थानों में अखिल भारतीय (कैथोलिक) शिक्षा नीति 2007 को लागूकरने संबंधी निर्देश भी दिये.
देश में चर्च के 20,000 शिक्षण संस्थान
सचिव फादर हुबतरुस बेक ने कहा कि ऑल इंडिया कैथोलिक डाइरेक्टरी 2013 के अनुसार सिर्फ कैथोलिक चर्च द्वारा देश भर में 13000 प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षण संस्थान, 450 कॉलेज, 554 तकनीकी व इंजीनियरिंग कॉलेज व अन्य 243 संस्थान चलाये जा रहे हैं. यदि अन्य चर्च के शिक्षण संस्थानों को भी जोड़ लिया जाये, तो यह संख्या लगभग 20,000 है.
हमारे शिक्षण संस्थानों का मकसद बच्चों का सर्वागीण विकास व उनकी क्षमताओं को विकसित होने का अवसर देना है. फादर अजीत कुमार खेस, निरंजन कुमार सांडिल ने राज्य में ख्रीस्तीय अल्पसंख्यक (निजी) स्कूलों व शिक्षकों की व्यावहारिक समस्याओं की जानकारी दी. 7,15,200 रुपये का वार्षिक बजट पारित किया गया.