38 पहाड़ों के गायब होने के मामले में हाइकोर्ट गंभीर
कैसे गायब हो गये पहाड़ : हाइकोर्टलिया स्वत: संज्ञान, मामला जनहित याचिका में तब्दीलराज्य सरकार को नोटिस जारी, मांगा जवाबमामले की सुनवाई 18 मई को होगीवरीय संवाददाता, रांची राज्य के पांच जिलों से 38 पहाड़ों के गायब होने के मामले को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी […]
कैसे गायब हो गये पहाड़ : हाइकोर्टलिया स्वत: संज्ञान, मामला जनहित याचिका में तब्दीलराज्य सरकार को नोटिस जारी, मांगा जवाबमामले की सुनवाई 18 मई को होगीवरीय संवाददाता, रांची राज्य के पांच जिलों से 38 पहाड़ों के गायब होने के मामले को झारखंड हाइकोर्ट ने गंभीरता से लिया है. चीफ जस्टिस वीरेंदर सिंह व जस्टिस पीपी भट्ट की खंडपीठ ने स्वत: संज्ञान लेते हुए हाइकोर्ट ने मामले को जनहित याचिका में तब्दील कर दिया. साथ ही राज्य सरकार को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. तीन सप्ताह के अंदर शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने को कहा. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता राजेश शंकर ने नोटिस प्राप्त किया. इसके अलावा अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा को एमीकस क्यूरी नियुक्त किया गया. मामले की सुनवाई के लिए 18 मई की तिथि निर्धारित की गयी. खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि झारखंड की पहचान पहाड़ों, झाड़-जंगलों व नदियों से है. यदि पहाड़ ही नहीं रहेंगे, तो उसकी प्राकृतिक सुंदरता कैसे बचेगी. चीफ जस्टिस ने प्रभात खबर का जिक्र करते हुए कहा कि रांची आने के बाद वे अंगरेजी अखबार पढ़ना लगभग भूल गये हैं. प्रभात खबर सहित अन्य हिंदी अखबारों में अच्छी-अच्छी खबरें आ रही हैं. गौरतलब है कि हाइकोर्ट ने प्रभात खबर में पर्यावरण बचाओ मुहिम के तहत प्रकाशित झारखंड के पांच जिलों में 38 पहाड़ गायब होनेवाली खबर को गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका में तब्दील कर दिया.