15 अप्रैल से जारी है झारखंड राज्य विद्युत तकनीकी प्रशिक्षु संघ का आंदोलन
15 लोग अस्पताल में हो चुके हैं भरती, एक महिला अनशनकारी की हालत चिंताजनक रांची : झारखंड राज्य विद्युत तकनीकी प्रशिक्षु संघ के पिछले 15 अप्रैल से चल रहे भूख हड़ताल आंदोलन में अब संघ की महिलाएं भी कूद पड़ी हैं. संघ के सदस्य 1/2006 से नियुक्त अनुबंध कर्मियों के स्थायीकरण एवं मृत अनुबंधकर्मियों के […]
15 लोग अस्पताल में हो चुके हैं भरती, एक महिला अनशनकारी की हालत चिंताजनक
रांची : झारखंड राज्य विद्युत तकनीकी प्रशिक्षु संघ के पिछले 15 अप्रैल से चल रहे भूख हड़ताल आंदोलन में अब संघ की महिलाएं भी कूद पड़ी हैं. संघ के सदस्य 1/2006 से नियुक्त अनुबंध कर्मियों के स्थायीकरण एवं मृत अनुबंधकर्मियों के आश्रितों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की मांग करते हुए भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं.
सोमवार से उज्जवला गुड़िया, सविता कुमारी, संयोगिता कुमारी, सोनी प्रसाद, सुनिता कुमारी, मधुमाला गुप्ता, माही सोरेंगे जैसे कनीय अभियंता स्तर की पदाधिकारी भी भूख हड़ताल पर बैठ गयी हैं. इनके साथ विकास कुमार व नरोत्तम कुमार भी भूख हड़ताल पर हैं.
बताया गया कि अब तक 15 लोगों की हालत बिगड़ने के कारण प्रशासन द्वारा उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इनमें अक्षय निराला दुबार हड़ताल पर बैठ गये हैं. संघ के सचिव आशीष कुमार ने बताया कि अनशनकारी महिला किरण टोप्पो की हालत चिंताजनक बनी हुई है, परंतु झारखंड ऊर्जा विकास निगम प्रबंधन मूकदर्शक बना हुआ है. उन्होंने कहा कि प्रबंधन एवं राज्य सरकार विद्युतकर्मियों की धैर्य की परीक्षा न ले, अन्यथा बाध्य होकर संघ उग्र आंदोलन का रास्ता अपनायेगा. उन्होंने कहा कि 13 दिनों से हड़ताल पर रहने की वजह से ही राज्य में बिजली आपूर्ति चरमरा गयी है. राजधानी रांची में घंटों बिजली बाधित रह रही है, जिससे निगम को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हो रहा है.