दूसरी पाली में डय़ूटी से गायब रहते हैं चिकित्सक

रिम्स में अव्यवस्था. डॉक्टर ही नियमों का करते हैं उल्लंघन, अपने हिसाब से अस्पताल में आते-जाते हैं बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की सरकार की मंशा पर फिर सकता है पानी राजीव पांडेय रांची : राज्य के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान रिम्स में कई चिकित्सक अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करते. जिस कार्य के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 28, 2015 6:20 AM
रिम्स में अव्यवस्था. डॉक्टर ही नियमों का करते हैं उल्लंघन, अपने हिसाब से अस्पताल में आते-जाते हैं
बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने की सरकार की मंशा पर फिर सकता है पानी
राजीव पांडेय
रांची : राज्य के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान रिम्स में कई चिकित्सक अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करते. जिस कार्य के लिए सरकार उन्हें वेतन देती है, उसी कार्य से वे जी चुराते हैं. चिकित्सकों ने अपने हिसाब से नियम बना लिया है. जब मन करता है, आते हैं और जब मन करता है चले जाते हैं.
चिकित्सकों को कार्रवाई का भय भी नहीं है. ऐसे में राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की सरकार की मंशा पर पानी फिर सकता है. सोमवार को प्रभात खबर की टीम जब दूसरी पाली में ओपीडी का जायजा लेने पहुंची, तो नजारा बिल्कुल अलग था. ओपीडी के सामने मरीजों की लंबी लाइन लगी थी, लेकिन सीनियर डॉक्टर वहां मौजूद नहीं थे. ओपीडी जूनियर चिकित्सकों के भरोसे था. सिर्फ दांत एवं हृदय विभाग के ओपीडी में ही सीनियर डॉक्टर मौजूद मिले.
स्वास्थ्य मंत्री ने दिया था आदेश : स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने एक अप्रैल को रिम्स का औचक निरीक्षण किया था. उसमें सीनियर चिकित्सक मौजूद नहीं पाये गये. इमरजेंसी में सीनियर चिकित्सकों की अनुपस्थिति पर उन्होंने रिम्स प्रबंधन को सख्त आदेश दिया था. उन्होंने चिकित्सकों को निर्धारित समय पर डय़ूटी आने एवं मरीजों को परामर्श देने के लिए कहा था. इसके बावजूद स्वास्थ्य मंत्री के आदेश का पालन भी नहीं हो रहा है.
एमसीआइ ने जतायी है आपत्ति
एमसीआइ ने निरीक्षण के दौरान कई बार रिम्स की व्यवस्था पर एतराज जता चुका है. चिकित्सकों की डय़ूटी पर सवाल उठाया है. चिकित्सकों को समय पर डय़ूटी करने का निर्देश दिया है. एमसीआइ की गाइडलाइन के अनुसार भी दोनों पाली में चिकित्सकों को ओपीडी में आना है. इसके अलावा शाम को राउंड भी करना है, लेकिन संध्या में जूनियर डॉक्टर राउंड नहीं करते.
जूनियर डॉक्टरों के भरोसे रहता है वार्ड
रांची. दूसरी पाली में सिर्फ ओपीडी में ही नहीं वार्ड में भी वरिष्ठ चिकित्सक नहीं आते, जबकि उनका वार्ड में आना अनिवार्य है. चिकित्सक वार्ड को जूनियर डॉक्टर एवं हाउस सजर्न के भरोसे छोड़ कर चले जाते हैं. मरीज की स्थिति बिगड़ने पर जूनियर डॉक्टर अपने सीनियर से पूछ कर इलाज करते हैं. कई डॉक्टर शाम का राउंड भी नहीं करते. कुछ डॉक्टर ही समय पर राउंड देने आते हैं.
अधिकांश डॉक्टर चलाते हैं निजी क्लिनिक
अधिकांश चिकित्सक दूसरी पाली में रिम्स आने के बजाय अपना निजी क्लिनिक चलाने में व्यस्त रहते हैं. शाम को राउंड देने के बजाय अपने निजी क्लिनिक में रहते हैं. हालांकि चिकित्सकों को निजी प्रैक्टिस नहीं करने के एवज में सरकार एनपीए भी देती है.
चिकित्सकों को दूसरी पाली में तो रहना है ही. इसके लिए चिकित्सकों का रोस्टर तैयार है. अगर समय पर नहीं आते तो उनसे स्पष्टीकरण मांगा जायेगा. मेरी जानकारी में कई डॉक्टर शाम को राउंड पर आते हैं.
डॉ एसके चौधरी, निदेशक रिम्स

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