अस्थमा का सही इलाज जरूरी: डॉ श्यामल सरकार

तसवीर ट्रैक पर है’लाइव फ्री इन्हेलेशन थेरेपी’ कार्यक्रम वरीय संवाददाता, रांचीअस्थमा के रोगी अगर सही इलाज नहीं कराते हैं, तो उन पर लगातार अस्थमा का अटैक आने का खतरा बना रहता है. बार-बार अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. ये जीवन के लिए खतरा भी साबित हो सकता है. यह कहना है एमडी (चेस्ट) […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 30, 2015 8:03 PM

तसवीर ट्रैक पर है’लाइव फ्री इन्हेलेशन थेरेपी’ कार्यक्रम वरीय संवाददाता, रांचीअस्थमा के रोगी अगर सही इलाज नहीं कराते हैं, तो उन पर लगातार अस्थमा का अटैक आने का खतरा बना रहता है. बार-बार अस्पताल के चक्कर लगाने पड़ सकते हैं. ये जीवन के लिए खतरा भी साबित हो सकता है. यह कहना है एमडी (चेस्ट) डॉ श्यामल सरकार का. डॉ सरकार गुरुवार को ‘लाइव फ्री इन्हेलेशन थेरेपी’ कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि अस्थमा बीमारी है, जिसमें लंबे समय तक इलाज की आवश्यकता होती है. कई रोगी जब बेहतर महसूस करते हैं तो इन्हेलर लेना बंद कर देते हैं. इसके परिणाम गंभीर भी हो सकते हैं. डॉक्टर की सलाह बगैर खुद से निर्णय कर इन्हेलर बंद कर देना खतरनाक हो सकता है.मौके पर एमडी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अजीत सहाय ने कहा कि रोगियों के इन्हेलर न लेने के कई कारण हैं. इनमें दवाइयों की कीमत, साइड इफैक्ट्स सहित कई भ्रांतियां और सामाजिक अवधारणाएं शामिल हैं. डॉ सहाय ने कहा कि अस्थमा का शुरुआती दौर में ही निदान करना जरूरी है, ताकि फेफड़ों की स्थिति को बचाया जा सके. चिकित्सकों का कहना है कि अस्थमा एक दीर्घकालिक श्वास से जुड़ा विकार है, जिसमें फेफड़ों की सांसों की नलियों में सूजन आ जाता है. सूजन के कारण सांस नलियां सिकुड़ जाती हैं और फेफड़े भी संवेदनशील हो जाते हैं. कोई एलर्जी अस्थमा अटैक में ट्रिगर का काम करती है. इस मौके पर चिकित्सकों ने अस्थमा के बचाव से संबंधित कई जानकारियां भी दीं.

Next Article

Exit mobile version