रांची : हाइकोर्ट ने गुरुवार को चिटफंड कंपनियों द्वारा गरीबों के करोड़ों रुपये हड़पने को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार की भूमिका पर नाराजगी जतायी.
सरकार द्वारा जवाब दाखिल नहीं करने पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि अधिकारियों की उदासीनता व लापरवाही का खामियाजा राज्य भुगत रहा है. गरीबों का 1000 करोड़ रुपये से अधिक पैसा चिटफंड कंपनियों में फंसा हुआ है. कंपनियां खुले तौर पर पैसा हड़पे जा रही है. मामला जनहित का है, लेकिन सरकार गंभीर नहीं है. कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या सरकार कंपनियों को गरीबों का पैसा ले कर भाग जाने का इंतजार कर रही है. कार्रवाई क्यों नहीं की गयी. कंपनियों के निदेशक, पार्टनर आदि का बैंक खाता, संपत्ति क्यों नहीं जब्त किया गया. कही अधिकारियों की मिलीभगत तो नहीं है.
एक्टिंग चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस एस चंद्रशेखर की खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई. खंडपीठ ने राज्य के मुख्य सचिव आरएस शर्मा व पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार को अलग-अलग शपथ पत्र के माध्यम से विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.