नियुक्ति के लिए अब तक नहीं बना नियम

रांचीः राज्य सरकार स्टेट इंडस्ट्रीयल सिक्यूरिटी फोर्स (एसआइसीएफ) के 680 जवानों को बैठा कर छह माह से वेतन दे रही है. उन्हें डय़ूटी पर नहीं लगाया जा रहा है. उनकी प्रतिनियुक्ति के लिए अब तक कोई नियम नहीं बना है.सरकार अब तक उनके वेतन मद में लगभग 6.50 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. पुलिस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 6, 2013 4:21 AM

रांचीः राज्य सरकार स्टेट इंडस्ट्रीयल सिक्यूरिटी फोर्स (एसआइसीएफ) के 680 जवानों को बैठा कर छह माह से वेतन दे रही है. उन्हें डय़ूटी पर नहीं लगाया जा रहा है.

उनकी प्रतिनियुक्ति के लिए अब तक कोई नियम नहीं बना है.सरकार अब तक उनके वेतन मद में लगभग 6.50 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है. पुलिस मुख्यालय ने करीब छह माह पहले नियम बनाने के लिए सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन अब तक कार्रवाई नहीं हुई.

सरकार को यह तय करना है कि जवानों को किन औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा में लगाना है. जिन संस्थानों की सुरक्षा में जवानों की तैनाती की जायेगी, उनसे किस दर पर पेमेंट लिया जायेगा. झारखंड में स्थित औद्योगिक संस्थानों की सुरक्षा के लिए वर्ष 2010 में एसआइसीएफ के बटालियन के लिए जवानों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गयी थी.

वर्ष 2011 में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद जवानों को पहले बुनियादी प्रशिक्षण दिया गया, फिर सेंट्रल औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) को रांची में तीन माह की ट्रेनिंग दी गयी. एसआइसीएफ का मुख्यालय बोकारो में है. इसके सभी जवान बोकारो में ही बिना काम के रह रहे हैं. हाल में कुछ जवानों को देवघर में श्रवणी मेले में डय़ूटी पर लगाया गया था.

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