पुराने व गैर जरूरी श्रम कानूनों में सुधार जरूरी : प्रो अनिल वर्मा

फोटो ट्रैक- रियलाइजिंग द गोल ऑफ मेक इन इंडिया एंड लेबर विषयक व्याख्यान- इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट, इस्टर्न रीजनल सेंटर का आयोजनसंवाददाता, रांची मेक इन इंडिया के लिए श्रम बाजार में व्यापक सुधार की जरूरत है. पर, सिर्फ श्रमिक कानून को लचीला करना पर्याप्त नहीं होगा. यह बात श्रमिक दिवस पर टोरंटो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 2, 2015 8:03 PM

फोटो ट्रैक- रियलाइजिंग द गोल ऑफ मेक इन इंडिया एंड लेबर विषयक व्याख्यान- इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट, इस्टर्न रीजनल सेंटर का आयोजनसंवाददाता, रांची मेक इन इंडिया के लिए श्रम बाजार में व्यापक सुधार की जरूरत है. पर, सिर्फ श्रमिक कानून को लचीला करना पर्याप्त नहीं होगा. यह बात श्रमिक दिवस पर टोरंटो यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर प्रो अनिल वर्मा ने इंस्टीट्यूट फॉर ह्यूमन डेवलपमेंट, इस्टर्न रीजनल सेंटर द्वारा ‘रियलाइजिंग द गोल ऑफ मेक इन इंडिया एंड लेबर’ विषयक अपने व्याख्यान में कही.उन्होंने कहा कि पुराने व गैर जरूरी श्रम कानूनों में सुधार जरूरी है, पर इसे पूरी तरह शिथिल करना लाभदायक नहीं होगा. उन्होंने ब्राजील व चीन का उदाहरण दिया और कहा कि श्रम बाजार का नियमन कुछ हद तक जरूरी है. कोई भी नीति, जो श्रमिकों को नौकरी से हटाना आसान करता है, उसमें समुचित सामाजिक सुरक्षा, पर्याप्त विच्छेद वेतन और अन्य रोजगार के लिए फिर से प्रशिक्षित करने के अवसरों को भी शामिल करना चाहिए. इस कार्यक्रम में प्रो रमेश शरण, प्रो एचके सिंह समेत कई बुद्धिजीवी शामिल हुए. प्रो हरीश्वर दयाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

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