भद्रकाली मंदिर प्रबंधन समिति को सरकारी मान्यता शीघ्र
एसडीओ के समक्ष निबंधन की विधिवत औपचारिकता पूरी की गयीइटखोरी. मां भद्रकाली मंदिर प्रबंधन समिति को अब शीघ्र ही सरकारी मान्यता मिलने वाली है. शनिवार को एसडीओ सह अध्यक्ष सतीश चंद्रा के चतरा स्थित कार्यालय में निबंधन की विधिवत औपचारिकता पूरी की गयी. इस दौरान मंदिर प्रबंधन समिति के कुछ सदस्य भी उपस्थित थे. नयी […]
एसडीओ के समक्ष निबंधन की विधिवत औपचारिकता पूरी की गयीइटखोरी. मां भद्रकाली मंदिर प्रबंधन समिति को अब शीघ्र ही सरकारी मान्यता मिलने वाली है. शनिवार को एसडीओ सह अध्यक्ष सतीश चंद्रा के चतरा स्थित कार्यालय में निबंधन की विधिवत औपचारिकता पूरी की गयी. इस दौरान मंदिर प्रबंधन समिति के कुछ सदस्य भी उपस्थित थे. नयी निबंधित समिति में एसडीओ (अध्यक्ष), सीओ (सचिव) तथा कुमार यशवंत नारायण सिंह, राजेश कुमार सिंह, योगेंद्र सिंह, रामदहिन सिंह, सुरेंद्र सिंह, सीताराम सिंह, रंजीत सिंह, रोशन गोप, नागेश्वर तिवारी व दिलीप कुमार सदस्य हैं. क्या लाभ होगा मंदिर प्रबंधन समिति का निबंधन होने से विकास कार्य तेजी से होगा. सरकारी राशि सीधे खाते में आयेगी. खर्च का अधिकार समिति को होगा. मान्यता प्राप्त समिति होने पर अनुदान व विदेशी श्रद्धालु दान दे सकेंगे. विरोध भी शुरू रैयतों को समिति में शामिल नहीं करने पर रैयत आक्रोशित हंै. रैयत समिति के अध्यक्ष संतोष सोनी ने कहा कि मंदिर का राजनीतिकरण हो रहा है. जमीन के मालिकों को अधिकार से वंचित किया गया है. अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ेंगे. प्रबंधन समिति के सदस्य बीरू गोप ने कहा कि कुछ लोगों की मनमानी नहीं चलने देंगे. सभी समुदाय को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. अब तक क्या व्यवस्था है वर्तमान समय में गैर मान्यता प्राप्त प्रबंधन समिति है. 25 हजार रुपये शुल्क जमा कर आजीवन सदस्य बन सकते हैं. समिति में कर्मठ लोगों को रखा गया है. कुछ व्यक्तियों को विरोध करने की आदत है. उन्हें बैठक से मतलब नहीं रहा है. मंदिर का निबंधन हो चुका है. इससे मंदिर को लाभ होगा. सतीश चंद्रा, एसडीओ