रांची : एक बार फिर आनेवाले जनगणना में सरना धर्म को अलग से एक कोड देने की मांग हो रही है. पिछली जनगणना में राज्य के करीब 42 लाख लोगों ने अन्य धर्म के कॉलम में उपस्थिति दर्ज करायी थी. सरना धर्म कोड को लेकर संघर्ष करने वालों का दावा है कि इसमें 41 लाख से अधिक लोगों ने अन्य धर्म के कॉलम में सरना लिखा था. मात्र 41 हजार लोगों ने आदिवासी धर्म का उल्लेख किया था.
सरना धर्म कोड की मांग करनेवाले मानते हैं कि यह एक विरोध था. इस मामले पर काम करने वाले प्रस्तावित टीएसी सदस्य सह जाने माने शिक्षाविद् डॉ करमा उरांव कहते हैं कि हम अन्य धर्म कोड में अपनी उपस्थिति नहीं चाहते हैं. हम चाहते हैं कि हमारे लिए अलग धर्म कोड हो. अगर 41 लाख की आबादी वाले जैन धर्म का कोड अलग हो सकता है, तो पूरे देश में तो हमारी संख्या इससे काफी अधिक है.
धर्मगुरु बंधन तिग्गा कहते हैं कि हमारी धर्म संस्कृति हिंदू से एकदम अलग है. हम लोगों को जबरन हिंदू कॉलम में करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए. पिछली जनगणना के समय तो जागरूकता की कमी थी. इस बार सरना कोड की मांग को लेकर संघर्ष होगा.
Also Read: agriculture bill 2020 : मोदी सरकार ने 62 करोड़ अन्नदाताओं पर किया है सीधा हमला : डॉ रामेश्वर उरांव
डॉ करमा उरांव कहते हैं कि राज्य में करीब 86 लाख आदिवासी हैं. इसमें 13 लाख के आसपास ईसाई हैं. इसमें पिछली बार करीब 42 लाख लोगों ने अन्य धर्म में सरना लिखा था. कुछ लोगों ने उरांव या मुंडा या हिंदू लिखा था.
गढ़वा 4591
पलामू 5681
चतरा 12936
हजारीबाग 34154
कोडरमा 269
गिरिडीह 59218
देवघर 16067
गोड्डा 47067
जिला संख्या
साहेबगंज 38426
पाकुड़ 88760
दुमका 78622
जामताड़ा 68564
धनबाद 32378
बोकारो 160524
रांची 677445
लातेहार 133525
जिला संख्या
लोहरदगा 235985
गुमला 45468
सिमडेगा 73930
प सिंहभूम 945864
खरसांवा 465367
पू सिंहभूम 280460
खूंटी 465367
रामगढ़ 77182
झारखंड से सबसे अधिक पश्चिम सिंहभूम के लोगों ने अन्य कॉलम में उपस्थिति दर्ज करायी थी. यहां से नौ लाख से अधिक लोगों ने अन्य धर्म के कॉलम में लिखा था. रांची से करीब साढ़े छह लाख लोगों ने अन्य धर्म कॉलम में लिखा था. आदिवासी जन प्रतिनिधियों का दावा है इससे स्पष्ट है कि जिन जिलों में आदिवासियों की संख्या अधिक है. वहां अधिक संख्या में लोगों ने अन्य धर्म कॉलम में उपस्थिति दर्ज करायी थी.
posted by : sameer oraon