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42 लाख लोगों ने अन्य धर्म कॉलम में लिखा था, आदिवासी समुदाय का दावा सरना धर्म कॉलम नहीं होने का था सांकेतिक विरोध

41 लाख से अधिक आदिवासीयों ने अन्य धर्म के कॉलम में सरना लिखा था

By Prabhat Khabar News Desk | November 10, 2020 9:18 AM

रांची : एक बार फिर आनेवाले जनगणना में सरना धर्म को अलग से एक कोड देने की मांग हो रही है. पिछली जनगणना में राज्य के करीब 42 लाख लोगों ने अन्य धर्म के कॉलम में उपस्थिति दर्ज करायी थी. सरना धर्म कोड को लेकर संघर्ष करने वालों का दावा है कि इसमें 41 लाख से अधिक लोगों ने अन्य धर्म के कॉलम में सरना लिखा था. मात्र 41 हजार लोगों ने आदिवासी धर्म का उल्लेख किया था.

सरना धर्म कोड की मांग करनेवाले मानते हैं कि यह एक विरोध था. इस मामले पर काम करने वाले प्रस्तावित टीएसी सदस्य सह जाने माने शिक्षाविद् डॉ करमा उरांव कहते हैं कि हम अन्य धर्म कोड में अपनी उपस्थिति नहीं चाहते हैं. हम चाहते हैं कि हमारे लिए अलग धर्म कोड हो. अगर 41 लाख की आबादी वाले जैन धर्म का कोड अलग हो सकता है, तो पूरे देश में तो हमारी संख्या इससे काफी अधिक है.

धर्मगुरु बंधन तिग्गा कहते हैं कि हमारी धर्म संस्कृति हिंदू से एकदम अलग है. हम लोगों को जबरन हिंदू कॉलम में करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए. पिछली जनगणना के समय तो जागरूकता की कमी थी. इस बार सरना कोड की मांग को लेकर संघर्ष होगा.

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राज्य में करीब 86 लाख आदिवासी

डॉ करमा उरांव कहते हैं कि राज्य में करीब 86 लाख आदिवासी हैं. इसमें 13 लाख के आसपास ईसाई हैं. इसमें पिछली बार करीब 42 लाख लोगों ने अन्य धर्म में सरना लिखा था. कुछ लोगों ने उरांव या मुंडा या हिंदू लिखा था.

जिला संख्या

गढ़वा 4591

पलामू 5681

चतरा 12936

हजारीबाग 34154

कोडरमा 269

गिरिडीह 59218

देवघर 16067

गोड्डा 47067

जिला संख्या

साहेबगंज 38426

पाकुड़ 88760

दुमका 78622

जामताड़ा 68564

धनबाद 32378

बोकारो 160524

रांची 677445

लातेहार 133525

जिला संख्या

लोहरदगा 235985

गुमला 45468

सिमडेगा 73930

प सिंहभूम 945864

खरसांवा 465367

पू सिंहभूम 280460

खूंटी 465367

रामगढ़ 77182

पश्चिम सिंहभूम में सबसे अधिक ने किया था अन्य कॉलम में दर्ज

झारखंड से सबसे अधिक पश्चिम सिंहभूम के लोगों ने अन्य कॉलम में उपस्थिति दर्ज करायी थी. यहां से नौ लाख से अधिक लोगों ने अन्य धर्म के कॉलम में लिखा था. रांची से करीब साढ़े छह लाख लोगों ने अन्य धर्म कॉलम में लिखा था. आदिवासी जन प्रतिनिधियों का दावा है इससे स्पष्ट है कि जिन जिलों में आदिवासियों की संख्या अधिक है. वहां अधिक संख्या में लोगों ने अन्य धर्म कॉलम में उपस्थिति दर्ज करायी थी.

posted by : sameer oraon

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