आदिम जनजाति बटालियन के गठन का आदेश
नियमावली तैयार कर होगी नियुक्ति वरीय संवाददाता रांचीगृह विभाग ने आदिम जनजाति बटालियन के गठन का आदेश निर्गत कर दिया है. अब इसके लिए नियुक्ति नियमावली तैयार की जा रही है. गौरतलब है कि सरकार ने दुमका एवं पलामू में ऐसे बटालियन के गठन की घोषणा की थी. दोनों जिलों में दो बटालियन का गठन […]
नियमावली तैयार कर होगी नियुक्ति वरीय संवाददाता रांचीगृह विभाग ने आदिम जनजाति बटालियन के गठन का आदेश निर्गत कर दिया है. अब इसके लिए नियुक्ति नियमावली तैयार की जा रही है. गौरतलब है कि सरकार ने दुमका एवं पलामू में ऐसे बटालियन के गठन की घोषणा की थी. दोनों जिलों में दो बटालियन का गठन होगा. इसके लिए कुल 1107 पदों का सृजन किया जा चुका है. इस बटालियन के गठन से शैक्षणिक व आर्थिक रूप से कमजोर समाज के इस तबके को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा. गौरतलब है कि राज्य में कुल नौ आदिम जनजातीय समुदाय रहते हैं. इनमें बिरहोर, परहिया, माल पहाडि़या, सौरिया पहाडि़या, सावर, हिल खडि़या, कोरवा, असुर व बिरिजिया शामिल हैं. राज्य के कुल 2649 गांवों में ये निवास करते हैं. इनकी कुल जनसंख्या लगभग 2.5 लाख है. दरअसल आदिम जनजातीय समूह (प्रीमिटिव ट्राइव ग्रुप या पीटीजी) की परिकल्पना आदिवासी विकास कार्यक्रम ‘ट्राइबल सब प्लान’ के लिए रणनीति बनाते वक्त की गयी थी. इसके बाद पंचवर्षीय योजना में अति पिछड़े इन आदिवासी जिन्हें पीटीजी कहा गया, के लिए विकास के कई कार्यक्रम शुरू किये गये. राज्यों को पीटीजी की पहचान के लिए तीन पैमाने दिये गये. कृषि का तकनीकी स्तर, साक्षरता का न्यूनतम स्तर व स्थिर या घटती आबादी. इन्हीं आधार पर 1979-80 में देश भर में 52 व झारखंड (तब बिहार) में नौ आदिम जनजाति समूह (पीटीजी) चिह्नित किये गये थे.