नयी दिल्ली. भारत और चीन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) होने पर भारत नुकसान की स्थिति में रह सकता है. इसकी वजह विनिर्माण क्षेत्र के साथ-साथ शुल्क दरों के मामले में चीन का बेहतर स्थिति में होना है. उद्योग मंडल एसोचैम के अनुसार, दोनों पड़ोसी देशों के बीच एफटीए का लाभ चीन को हो सकता है. कम-से-कम अल्पकाल में तो साम्यवादी देश को ही फायदा होगा. एसोचैम का कहना है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना तथा भारत के बीच एफटीए से निश्चित रूप से चीन को फायदा होगा और भारत नुकसान में रहेगा. इसका कारण भारत में ऊंची शुल्क दर होना है. इस मौके पर चीन के साथ एफटीए से दोनों देशों के बीच व्याप्त मौजूदा व्यापार असंतुलन और बढ़ेगा. भारत का विनिर्माण उद्योग चीन के साथ एफटीए करने को लेकर आपत्ति जता चुका है. उद्योग जगत भारत में चीनी उत्पादों के डंपिंग की शिकायत करता रहा है और कई मामलों में डंपिंग रोधी शुल्क भी लगाये गये हैं.
भारत-चीन के एफटीए से हो सकता है नुकसान
नयी दिल्ली. भारत और चीन के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) होने पर भारत नुकसान की स्थिति में रह सकता है. इसकी वजह विनिर्माण क्षेत्र के साथ-साथ शुल्क दरों के मामले में चीन का बेहतर स्थिति में होना है. उद्योग मंडल एसोचैम के अनुसार, दोनों पड़ोसी देशों के बीच एफटीए का लाभ चीन को हो […]
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