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ओबीसी क्र ीमीलेयर की सीमा 10.50 लाख करे केंद्र

राष्ट्रीय पिछड़ी जाति आयोग ने की सिफारिशएजेंसियां, नयी दिल्लीराष्ट्रीय पिछड़ी जाति आयोग ने केंद्र से ओबीसी की क्र ीमीलेयर की सीमा 10.50 लाख रुपये करने को कहा है. वर्तमान में ओबीसी क्र ीमीलेयर की सालाना सीमा छह लाख रुपये हैं. क्र ीमीलेयर ओबीसी में इनकम का दायरा है और यह गरीबी ओबीसी लोगों को धनवानों […]

राष्ट्रीय पिछड़ी जाति आयोग ने की सिफारिशएजेंसियां, नयी दिल्लीराष्ट्रीय पिछड़ी जाति आयोग ने केंद्र से ओबीसी की क्र ीमीलेयर की सीमा 10.50 लाख रुपये करने को कहा है. वर्तमान में ओबीसी क्र ीमीलेयर की सालाना सीमा छह लाख रुपये हैं. क्र ीमीलेयर ओबीसी में इनकम का दायरा है और यह गरीबी ओबीसी लोगों को धनवानों से अलग करता है. क्र ीमीलेयर में आने वाले लोगों को आरक्षण की सुविधा नहीं मिलती है.योग्यता में भी मिले ढीलआयोग ने साथ ही सुझाव दिया है कि 27 प्रतिशत सीटों को भरने के लिए ओबीसी योग्यता में ढील दी जाये. उनके अनुसार केंद्र की नौकरियों में पिछड़ों का प्रतिनिधित्व लक्ष्य से काफी कम हैं. बिहार चुनावों से पहले यह मुद्दा राजनीतिक रूप ले सकता है. बिहार ओबीसी जातियों का गढ़ है और पीएम नरेंद्र मोदी ने 2014 लोकसभा चुनावों के दौरान खुद के ओबीसी नेता के रूप में प्रचारित किया था. हाल ही में ओबीसी सांसदों की बैठक में बिहार से सांसद राम कृपाल यादव और उपेंद्र कुशवाहा ने भी इस दायरे को बढ़ाने की मांग की थी.शुरुआत 1993 सेओबीसी में क्र ीमीलेयर की शुरुआत 1993 में हुई थी और उस समय इसका दायरा एक लाख रुपये था, 2004 में इसमें सुधार कर इसे 2.5 लाख रुपये कर दिया गया. इसके बाद 2008 में 4.5 लाख और 2013 में 6 लाख कर दिया गया. आयोग के अनुसार केंद्र के आंकड़ों के अनुसार ओबीसी का नौकरियों में प्रतिनिधित्व 27 प्रतिशत का आधा भी नहीं है.

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