नेताजी जासूसी विवाद : सरकार का जांच कराने का कोई प्रस्ताव नहीं

नेहरू युग में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्यों की 20 सालों तक जासूसी कराने संबंधी रिपोर्टों की किसी प्रकार की जांच कराने की सरकार की कोई योजना नहीं है. गृह राज्य मंत्री हरिभाई पारथीभाई चौधरी ने मंगलवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया, ‘सवाल में जिस जासूसी का जिक्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 5, 2015 8:04 PM

नेहरू युग में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्यों की 20 सालों तक जासूसी कराने संबंधी रिपोर्टों की किसी प्रकार की जांच कराने की सरकार की कोई योजना नहीं है. गृह राज्य मंत्री हरिभाई पारथीभाई चौधरी ने मंगलवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया, ‘सवाल में जिस जासूसी का जिक्र किया गया है, उसकी जांच कराने का कोई प्रस्ताव नहीं है.’ वह एम उदयकुमार और सुनील कुमार सिंह के इन सवालों का जवाब दे रहे थे कि क्या सरकार ने जासूसी की घटनाओं की जांच के लिए कोई जांच समिति या आयोग गठित किया है. मंत्री ने बताया कि नेताजी से संबंधित खोसला और मुखर्जी आयोग की रिपोर्टों सहित बड़ी संख्या में फाइलों को पहले ही सार्वजनिक किया जा चुका है और इन्हें भारतीय अभिलेखागार में भेज दिया गया है. हालांकि, बोस के बारे में कुछ फाइलें केंद्र सरकार और कुछ फाइलें पश्चिम बंगाल सरकार के पास हैं. हाल ही में इन रिपोर्टों के सामने आने के बाद विवाद पैदा हो गया था कि 20 सालों तक नेताजी के परिवार के सदस्यों की निगरानी की गयी. इसमें से अधिकतर समय देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय ऐसा हुआ.

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