सीएस ने की कृषि विभाग की समीक्षा

दाल की खेती कर भूमि की उपजाऊ क्षमता बढ़ायी जा सकती है कृषि निदेशालय के पुनर्गठन के लिए विभाग को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश रांची : मुख्य सचिव राजीव गौबा ने राज्य की 12 लाख हेक्टेयर भूमि (जहां बुआई नहीं होती) को दलहन की खेती से आच्छादित करने का सुझाव दिया है. कृषि विभाग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 6, 2015 3:29 AM
दाल की खेती कर भूमि की उपजाऊ क्षमता बढ़ायी जा सकती है
कृषि निदेशालय के पुनर्गठन के लिए विभाग को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश
रांची : मुख्य सचिव राजीव गौबा ने राज्य की 12 लाख हेक्टेयर भूमि (जहां बुआई नहीं होती) को दलहन की खेती से आच्छादित करने का सुझाव दिया है.
कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि झारखंड में दलहन की खेती के माध्यम से खेती योग्य भूूमि के विस्तार की अपार क्षमता है. दाल की खेती कर भूमि की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाते हुए दाल की उत्पादकता में भी वृद्धि की जा सकती है. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र का मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पाद एवं सघनता को बढ़ाना है. इसके लिए राज्य में फसलों के अधिक उत्पादन और बुआई क्षेत्र को बढ़ाना होगा.
मुख्य सचिव ने कृषि निदेशालय के पुनर्गठन के लिए विभाग को प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया. उन्होंने बाजार समिति के पुन: निर्माण और बुनियादी सुविधाओं के अधिकतम उपयोग के लिए दीर्घकालीन योजना बनाने पर जोर दिया. कृषि सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी ने विभाग की वर्तमान स्थिति उपलब्धियां और भविष्य की योजनाओं के रोडमैप के बारे में बताया.
कृषि निदेशक जटाशंकर चौधरी ने दलहन और तेलहन की खेती पर खास ध्यान देने की जरूरत बतायी.
बागवानी मिशन के निदेशक डॉ प्रभाकर सिंह ने बागवानी के समग्र विकास के लिए तैयार किये गये रोडमैप की जानकारी दी. बताया कि गुजरे वित्तीय वर्ष में राज्य के 10 जिलों में 19558 हेक्टेयर बेकार भूमि का उपयोग काजू के उत्पादन के लिए किया जा रहा है. बैठक में विकास आयुक्त आरएस पोद्दार, कृषि विभाग की विशेष सचिव पूजा सिंघल समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

Next Article

Exit mobile version